शहीद जगदीश वत्स की बलिदान गाथा सुन रो पड़े कविगण

देहरादून। शब्द संसार साहित्यिक व सामाजिक मंच,मुजफ्फरनगर द्वारा अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत कवि गोष्ठी व सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया।

जिसकी अध्यक्षता स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र सैनी ने की ,जबकि मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कार्य परिषद सदस्य व अपभ्रंश हिंदी साहित्य के परमविद्वान डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण व विशिष्ट अतिथि विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर के उपकुलसचिव डॉ श्रीगोपाल नारसन व साहित्यकार प्रोफेसर डॉ वन्दना वर्मा रहे ।

संस्था की संस्थापक अध्यक्ष सविता वर्मा ‘ग़ज़ल’,सचिव मनु श्वेता ‘मनु’ व संस्था के वरिष्ठ सलाहकार डॉ कीर्तिवर्धन द्वारा माँ शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व कवयित्री रूपा चौधरी के द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया।
मनु श्वेता ‘मनु’ व कवि राकेश दुलारा के संयुक्त संचालन में अतिथियों का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।मुख्य अतिथि डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण ने कहा कि साहित्यकार कभी मरता नही है बल्कि अमर होता है।

अपना एक भावपूर्ण गीत सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अपने साहित्य के कारण कबीर,सूरदास, तुलसी ,प्रेमचंद आज भी जीवित है और सदा रहेंगे।श्रीगोपाल नारसन ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश की पहली क्रांति सन 1857 में मेरठ से नही बल्कि सन 1822 में हरिद्वार के गांव कुंजा बहादुर पुर से हुई थी।

वही उन्होंने हरिद्वार में तिरंगा फैहराते हुए शहीद हुए 17 वर्षीय जगदीश वत्स की बलिदान गाथा भी सुनाई,जिसे सुनकर कविगण रो पड़े ।उन्होंनेअपनी हास्य व्यंग्य की रचनाओं से गुदगुदाया।

अध्यक्षीय उदबोधन में सुरेंद्र सैनी ने अपनी ग़ज़ल से सबको भावविभोर कर दिया।इस अवसर पर सविता वर्मा ग़ज़ल द्वारा सम्पादित ‘ मेरी पाती तेरे नाम ‘ की प्रति भी अतिथियों को भेंट की गई। कवि गोष्ठी में वरिष्ठ कवयित्री सुशीला शर्मा,वीना गर्ग, सपना अग्रवाल,  राधिकाकौशिक,  अवधेश कौशिक, पुष्पा रानी, कृष्ण गोपाल वर्मा,सी,एस कक्कड़, सुमन प्रभा, सत्यपाल सिंगर आदि ने काव्य पाठ किया।
अंत मे संस्था की संस्थापक अध्यक्ष सविता वर्मा ग़ज़ल ने आभार व्यक्त कर देश के अमर शहीदों के जयकारे लगवाए और उन्हें नमन किया।

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