जिला सहकारी बैंक ग्रुप डी की भर्ती पर राज्य सरकार और रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी का जवाब तलब

हरिद्वार, नैनीताल,अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली एवं देहरादून के जिला सहकारी बैंकों के सचिवों से भी मांगा जवाब

  • जनहित याचिका में की गई है सीबीआई जांच की मांग, चर्तुथ श्रेणी के 423 पदों की भर्ती में भारी घोटाले का आरोप

नैनीताल । नैनीताल उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित जिला सहकारी बैंक ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया में धांधली के मामले में सख्त रुख अपना लिया है।

न्यायालय ने राज्य सरकार,रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी के साथ ही हरिद्वार, नैनीताल,अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली व देहरादून के जिला सहकारी बैंकों के सचिवों का जवाब तलब कर दिया है।

जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। इसके साथ ही अगली सुनवाई 29 नवम्बर नियत कर दी है। इस मामले में सीबीआई व सीआईडी को भी जांच कराने के लिए पक्षकार बनाया गया है।

यह जवाब तलब हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी की एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की संयुक्त खंडपीठ ने किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि 2020 में प्रदेश के सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी।

इसमें भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आई। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों व नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया और कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भर्ती की जा रही है। इसकी शिकायत ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर द्वारा मुख्यमंत्री से की गई। परन्तु इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि समाचार पत्रों में अनियमितताएं की खबर छपने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने हरिद्वार में भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया। परन्तु नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून व पिथौरागढ़में इसके बाद भी भर्तियां की गई। याचिकाकर्ता पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया है।

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