नयी दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ईपीएएफ पेंशनभोगी कम से कम 7500 प्रति माह करने की मांग को लेकर आठ अगस्त तक देशव्यापी धरना-प्रदर्शन करेंगे।
ईपीएफ-95 योजना के पेंशनधारकों के संगठन राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) के सदस्यों ने सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव के वादों के बावजूद पेंशन की वृद्धि में देरी हो रही है।
समिति के अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा कि एक से सात अगस्त तक पूरे देश में तालुका, जिला, राज्य स्तर पर विभिन्न प्रकार के आंदोलन होंगे। इसी दौरान दिल्ली में ईपीएफ-95 पेंशनभोगी नयी दिल्ली में क्रमिक भूख हड़ताल की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सात अगस्त को सामूहिक उपवास रखा जाएगा और आठ अगस्त को देशभर के लाखों पेंशनभोगी रामलीला मैदान नयी दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे और रास्ता रोको अभियान चलायेंगे।
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ पेंशन के मुद्दे पर केंद्रीय न्यासी बोर्ड को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बावजूद हजारों वृद्ध पेंशनरों का भाग्य अधर में लटका हुआ है। बुलढाणा महाराष्ट्र में 24 दिसंबर 2018 से महिलाओं सहित सैकड़ों वृद्धावस्था पेंशनभोगी क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं और आज इका 1317 वां दिन है।
उन्होंने कहा कि सरकार अन्य पेंशन योजनाओं को सुचारु रूप से चला रही है लेकिन ईपीएस-95 पेंशनभोगियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ईपीएफओ अपने कर्मचारियों को 2000 रुपये मासिक चिकित्सा भत्ता प्रदान कर रहा है लेकिन पेंशनभोगियों को चिकित्सा सुविधा से वंचित किया जा रहा है।
ईपीएफ-95 पेंशनभोगियों ने न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपये करने, सभी ईपीएस-95 पेंशनरों को उच्च पेंशन का विकल्प देने और सभी ईपीएस-95 पेंशनभोगियों और उनके पति या पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है।