नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद में होमगार्ड भर्ती में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि आरोपियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है? साथ ही कंपनी कंमांडर राकेश कुमार और हरिद्वार के जिला कंमाडेंट गौतम कुमार को भी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा है।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में हुई। प्रकरण को हरिद्वार निवासी योगेन्द्र सैनी की ओर से चुनौती दी गयी है। श्री सैनी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि हरिद्वार जनपद में 2017-18 में होमगार्ड भर्ती में जमकर गड़बड़ी हुई है।
मोटी रकम लेकर अयोग्य लोगों को भर्ती किया गया है। आरोप लगाया गया कि भर्ती के नाम पर लगभग डेढ़ करोड़ की हेराफेरी की गयी है। जिला कंमाडेंट गौतम कुमार के खाते में लाखों रुपये जमा किये गये हैं।
इसके प्रमाण उपलब्ध हैं। इस मामले की शिकायत राज्यपाल, सरकार और उच्चाधिकारियों से की गयी लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसके बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
पीठ ने इस मामले में विगत सोमवार को सुनवाई करते हुए निर्देश दिये कि हरिद्वार जिले में की गयी होमगार्ड की भर्ती का परिणाम (चयन) जनहित याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा।
आदेश की प्रति आज उपलब्ध हुई है। इसी के साथ ही अदालत ने सरकार और होमगार्ड के महा सेनानायक से इस मामले में भी जवाब मांगा है कि दोषियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है और प्रतिवादी राकेश कुमार और गौतम कुमार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।