खनन, सहकारिता व शिक्षा में भ्रष्टाचार चरम पर, उच्चस्तरीय जांच हो : माहरा
रॉयल्टी मामले से सरकारी खजाने को भारी चपत लगने की बात कही
देहरादून। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में खनन विभाग में मनमाने ढंग रॉयल्टी ली जा रही है तथा विभिन्न विभागों में मनमाने ढंग से भर्तियों की जा रही हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने इन सभी मामलों की उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में माहरा ने सरकार पर भ्रष्टाचार पर आकंठ डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासन में खनन विभाग में रॉयल्टी के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।
यही नही सहकारिता, शिक्षा तथा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की जाने वाली भर्तियों में भी भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। माहरा ने कहा कि 2007 से पूर्व 37 रुपये प्रति घनमीटर रॉयल्टी वसूली जाती थी जो 2007-2012 तक 84 रुपये प्रति घन मीटर थी। जिसे कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने अपने शासनकाल में 2012-2017 तक यथावत रखा। इसके बाद 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद रेत और पत्थर की रॉयल्टी अलग-अलग करते हुए क्रमश: 197 रुपये तथा 194 रुपये कर दी। 2019 में इसमें 25 प्रतिशत डीएम फण्ड (न्यास) जोड$ दिया गया जो अब ठेकेदारों को 245 रुपये प्रति घन मीटर पड़ता है।
यही नहीं राज्य में खनन की चोरी लगातार बढती जा रही है तथा रॉयल्टी में पत्थर का उल्लेख नहीं हो रहा है।
माहरा ने कहा कि खनन के रवन्ने के कागज उपलब्ध नहीं होने पर सरकार पांच गुना याने 1१0 रुपये प्रति घनमीटर वसूल रही है। पहले ठेकेदार द्वारा रॉयल्टी के लिए जमा धनराशि समय समाप्त होने पर वापस हो जाती थी, लेकिन अब राजनैतिक संरक्षण में पूरे प्रदेश में अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है जिससे प्रदेश में भारी मात्रा में खनन चोरी को प्रश्रय मिल रहा है।
इससे सीधे-सीधे सरकारी खजाने को राजस्व की भारी हानि हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार में भाजपा के विधायकों यतीश्वरानन्द एवं सुरेश राठौर ने सहकारिता में भर्ती घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई थी। माहरा ने यह भी कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15-15 लाख रुपये लेकर नौकरियां बेचने का मामला सामने आया है।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आयोग के संदेह के घेर में आ गयाा है। यही नहीं वीसी तथा प्रवक्ताओ की नियुक्ति के मामले में राज्यपाल द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग करने के आदेश दिये गये, लेकिन उसी दिन मुक्त विश्वविद्यालय में आनन-फानन में वीसी की नियुक्ति कर दी गई।
उन्होंने हर घर तिरंगा योजना में 100 करोड़ से सिर्फ 20लाख घरों में ही तिरंगे झण्डे लगाने की बात कर रही है, जबकि राज्य में 23 लाख परिवार हैं। शेष तीन लाख घरों में तिरंगा क्यों नहीं लगाया जा रहा है। पत्रकार वार्ता में मथुरादत्त जोशी, विजय सारस्वत, नवीन जोशी, गरिमा दसौनी, राजेश चमोली एवं दर्शन लाल उपस्थित थे।