यूपीईएस देहरादून ने ‘स्किल डेवलपमेंट लैब’ स्थापित करने के लिये विप्रो जी ई हेल्थकेयर के साथ साझेदारी की
बी.टेक बायोमेडिकल इंजीनियरिंग प्रोग्रमा के लॉन्च के साथ, इस साझेदारी का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कौशल के मौजूदा अंतर को मिटाना और देश के भावी कार्यबल को मजबूत बनाना है
देहरादून। यूपीईएएस स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने दुनिया के प्रमुख मेडिकल टेक्नोलॉजी, डायग्नोस्टिक्स एवं डिजिटल सॉल्यूशन इनोवेटर विप्रो जी ई हेल्थकेयर के साथ एक विशिष्ट साझेदारी की है। यूपीईएस और विप्रो जीई हेल्थकेयर साथ मिलकर यूपीईएस देहरादून में बी.टेक बायोमेडिकल इंजीनियरिंग प्रोग्राम को संयुक्त रूप से लॉन्च किया है | इस साझेदारी का मकसद स्टूडेंट्स के लिए उनकी पढ़ाई के सेमेस्टर के दौरान इस प्रोग्राम को साझा रूप से डिजाइन करना और फिर उसे उन तक पहुंचाना है, ताकि यहां से उत्तीर्ण होने वाले स्टूडेंट्स पहले दिन से ही इंडस्ट्री में काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हों।
विप्रो जी ई हेल्थकेयर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कार्यक्रम के स्टूडेंट्स के लिये एक अत्याधुनिक स्किल लैब स्थापित करेगा, जहां वे समकालीन चिकित्सा उपकरणों पर जरूरी कौशल सीखने में अपना समय लगाएंगे। देश में उद्योग-अकादमिक कौशल के अंतर को कम करने के लिये यह मौजूदा समय में बेहद जरूरी है।
यह बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कार्यक्रम विप्रो जी ई हेल्थकेयर के साथ मिलकर डिजाइन किया गया है और इसे विभिन्न सेमेस्टर के दौरान उनके स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा डिलीवर किया जाएगा। मॉड्यूल्स के सफलतापूर्वक पूरा होने पर, स्टूडेंट्स को विप्रो जी ई हेल्थकेयर द्वारा पूर्णता का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स को बेंगलुरू में जीई हेल्थकेयर संस्थान में 21 दिवसीय उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलेगा। एडवांस सर्टिफिशकेशन पूरा होने पर, स्टूडेंट्स को स्वास्थ्य सेवा उद्योग में एक इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी, ताकि वे पहले दिन से ही नौकरी के लिये तैयार हों और किसी भी स्वास्थ्य सेवा नियोक्ता के लिये बहुमूल्य साबित हो सकें।
अत्याधुनिक स्किल लैब में रेडियोलॉजी और लाइफ केयर सॉल्यूशंस चिकित्सा उपकरणों पर स्टूडेंट्स को उद्योग से संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करके पाठ्यक्रम को और मजबूत किया जा रहा है। यहां एडवांस्ड ईसीजी मशीन, सटीक एनेस्थीसिया समाधान, उच्च आवृत्ति वाली एक्स-रे मशीन और एडवांस्ड सिमुलेशन मॉनिटर होंगे जो स्टूडेंट्स को सीखने का अनूठा अनुभव प्रदान करेंगे।
इस साझेदारी के बारे में, डॉ.सुनील राय, वीसी, यूपीईएस का कहना है, “यूपीईएस और जी ई हेल्थकेयर, स्वास्थ्यसेवा उद्योग में कौशल के उस अंतर को मिटाकर, देश के भावी कार्यबल को मजबूती प्रदान करने की समान सोच रखते हैं। जीई हेल्थकेयर के विशेषज्ञ हमारे स्टूडेंट्स को कक्षा और जी ई हेल्थकेयर से सुसज्जित लैब में पढ़ा रहे हैं, ऐसे में हमें भरोसा है कि वे आवश्यक कौशल, समस्या का समाधान करने की क्षमता सीख पाएंगे और इस उद्योग के लिये पूरी तरह तैयार होंगे। हमारे अंत: विषयक माहौल और सिखाने के उन्नत तरीकों से प्रभावित होकर जी ई हेल्थकेयर हमारे साथ साझेदारी करने के लिए प्रेरित हुआ और हमें उम्मीद है कि उनके साथ यह साझेदारी लंबे समय तक बनी रहेगी।”
शकील इकबाल, हेड: सर्विस सेल्स एंड एजुकेशन सॉल्यूशंस, विप्रो जी ई हेल्थकेयर का कहना है, “जीई हेल्थकेयर संस्थान में हम अपने कई सारे स्किलिंग और अपस्किलिंग प्रोग्राम के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवा कौशल के अंतर को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। यूपीईएस के साथ इस अनूठी साझेदारी के जरिए, हमें उम्मीद है कि हम इस इंडस्ट्री को बेहद कुशल और काम के लिये पूरी तरह तैयार बायोमेडिकल इंजीनियर उपलब्ध करा पाएंगे, जो भारत के तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य सेवा पारितंत्र में काम करने में सक्षम होंगे।”
यूपीईएस के विषय में :
यूपीईएस की संस्थापना वर्ष 2003 में उत्तराखण्ड विधानसभा के यूपीईएस एक्ट, 2003 द्वारा हुई थी, यह यूजीसी से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी से ग्रेड ‘ए’ मिला है। शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने यूपीईएस को भारत में पढ़ाई के लिये टॉप 100 यूनिवर्सिटीज के बीच रैंक किया है, यूपीईएस का स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग 300 संस्थानों में 91वें नंबर पर, स्कूल ऑफ बिजनेस 100 संस्थानों में 46वें नंबर पर और स्कूल ऑफ लॉ भारत के टॉप 25 संस्थानों में से एक है। इस यूनिवर्सिटी को वैश्विक मान्यता प्राप्त क्यूएस रेटिंग से रोजगार योग्यता (प्लेसमेंट्स) में 5 स्टार मिले हैं और इसने पिछले कुछ वर्षों में 90% से ज्यादा प्लेसमेंट्स दिये हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्कूलों के माध्यम से ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम्स की पेशकश करती है: स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज।