कोलंबो । श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने विद्राहियों पर देश में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में घुसपैठ करने और अगले सप्ताह द्वीप राष्ट्र में अशांति पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
औपचारिक रूप से कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद एक टेलीविजन भाषण में श्री विक्रमसिंघे ने यह भी कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के झंडे और देश के प्रमुख को महामहिम के रूप में संबोधित करने के लंबे समय से चली आ रही प्रथा को दूर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका को केवल राष्ट्रीय ध्वज की जरूरत है। उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा,‘‘मैं शांतिपूर्ण अरगलया (संघर्ष) के खिलाफ नहीं हूं , हालांकि, विद्रोहियों और प्रदर्शनकारियों के बीच अंतर को पहचानने की जरूरत है।
श्री विक्रमसिंघे ने कहा,‘‘यह विद्रोही हैं जिन्होंने दो पुलिसकर्मियों के हथियार छीन लिए हैं और 24 सेना के जवानों को घायल कर दिया है। ये विद्रोही अगले सप्ताह अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते। अशांति से आर्थिक उथल-पुथल पैदा हो जाएगी क्योंकि भोजन जैसी आवश्यक वस्तुओं के वितरण के रूप में , ईंधन और गैस की आपूर्ति ठहराव पर आ जाएगा।
उन्होंने कहा,‘‘ मैंने इसीलिए सेवा कमांडरों और आईजीपी (पुलिस महानिरीक्षक) की एक समिति नियुक्त की है। वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के प्रभारी हैं।