देहरादून। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का 99वाँ स्थापना दिवस संस्थान के अल्मोड़ा स्थित सभागार में धूम-धाम से मनाया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि के साथ कुंदन हाउस स्थित पूजागृह में पूजा अर्चना की गयी। तत्पष्चात् स्वमी विवेकानन्द की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया।
मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा लगाये गये स्टाल का भ्रमण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गीत एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. अषोक कुमार सिंह, माननीय निदेषक एवं कुलपति, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान एवं सम विष्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा इस अवसर पर द्वितीय पदम भूषण प्रो. बोषी सेन स्मारक व्याख्यान दिया गया।
उन्होंने प्रो. बोषी सेन के योगदान पर बल देते हुये संस्थान की स्थापना हेतु उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारा देष आत्मनिर्भर बनने में सक्षम हुआ है और खाद्य फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता आई है। फलस्वरूप देष खाद्य फसलों का निर्यात करने में भी सक्षम हुआ है, परन्तु वर्तमान में तिलहन एवं दलहन फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने की अत्यन्त आवष्यकता है।
विदेषी मुद्रा अर्जित करने हेतु विभिन्न देषों से आयात को कम करने पर अपने विचार रखे। उनके द्वारा त्वरित प्रजनन एवं जीनोम संपादन पर विस्तृत जानकारी दी गयी। सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज तक देष में कुल 87 जैवसुदृढ़ीकृत किस्मों का विमोचन किया जा चुका है। उन्होंने कृषि के क्षेत्रा में ड्रोन के प्रयोग की संभावना पर कार्य करने पर बल दिया।
इस कार्यक्रम तथा रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेषानन्द जी ने प्रो. बोषी सेन का स्मरण करते हुए प्राचीन काल में कृषि एवं खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि देष के कृषि वैज्ञानिकों के शोध के फलस्वरूप आज हम सभी देषवासियों को अन्न उपलब्ध कराने में सक्षम हुए हैं।
कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि एवं नगरपालिकाध्यक्ष माननीय श्री प्रकाष जोषी जी ने कहा कि संस्थान निरन्तर उन्नति कर रहा है जिसका श्रेय संस्थान के समस्त वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों के परिश्रम एवं लगन को जाता है जिसके फलस्वरूप प्रो. सेन द्वारा स्थापित प्रयोगषाला एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति का संस्थान बन रहा है। कृषि के क्षेत्रा में एक आषातीत परिवर्तन हुआ है। उन्होंने आषा व्यक्त की कि ये शोध कार्य निरंतर चलता रहेगा और देष आत्मनिर्भर होने की दिषा में अग्रसर होगा। उन्होंने सभा को बन्दरों एवं सूअरों की समस्या से भी अवगत कराया।
विषिष्ट अतिथि श्री एम सी जोषी जी ने प्रो. बोषी सेन के व्यक्तित्व को स्मरण करते हुए संस्थान को बधाई दी। साथ ही उन्होंने पर्वतीय कृषि में विविधता लाने की बात की। संस्थान के पूर्व निदेषक डाॅ0 जे. सी. भट्ट द्वारा प्रो0 बोषी सेन जी की पृष्ठभूमि के विषय पर सभा को अवगत कराया गया। अल्मोड़ा जिले के जिला वनाधिकारी श्री महातिम यादव जी ने इस क्षेत्रा में बंदरों एवं सूअरों की समस्या के विषय में चर्चा करने के साथ ही इनके निराकरण के विभिन्न पहलुओं पर भी अपने विचार रखे।
संस्थान के निदेषक डा. लक्ष्मी कान्त ने संस्थान के संस्थापक प्रो. बोसी सेन को नमन करते हुए मुख्य अतिथि सहित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया तथा विगत वर्ष में संस्थान द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष के दौरान विभिन्न फसलों की 09 किस्में अधिसूचित तथा 03 किस्मों की पहचान की गयी। उनके द्वारा देष के विभिन्न राज्यों में किस्मों के प्रसार एवं संस्थान द्वारा विकसित मषीनों को पहुंचाने का भी जिक्र किया गया। उन्होंने संस्थान द्वारा चलायी जा रही विभिन्न परियोजनाओं जैसे एससीएसपी, एनईएच एवं टीएसपी के माध्यम से कृषकों के लाभान्वित होने की जानकारी भी दी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा एक तकनीकी बुलेटिन, 02 प्रसार प्रपत्रा का विमोचन तथा संस्थान द्वारा विकसित प्रजातियों नामतः वीएल क्यूपीएम संकर 45, एवं वी एल धान 69 का लोकार्पण किया गया। संस्थान में कार्यरत सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी डाॅ. जी. एस. बिष्ट, लैब टैक्नीषियन श्री वरूण सुप्याल, तकनीकी सहायक श्री केषव नौटियाल, तकनीषियन श्री देवेन्द्र सिंह कार्की तथा कुषल सहायक श्री मन्तराज को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु निदेषक प्रषस्ति पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया।
साथ ही इस वर्ष एवं आगामी वर्ष में सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों श्री कैलाष सिंह, श्री प्रमोद कुमार चैधरी एवं श्री रमेष सिंह कनवाल को संस्थान सम्मान प्रदत्त किया गया। समारोह के दौरान प्रगतिषील कृषकों श्री जगमोहन सिंह राणा, श्री कुन्दन सिंह बिष्ट, श्री विजय कुमार, श्री चन्द्रषेखर जोषी एवं श्री हरीष सिंह को भी सम्मानित किया गया। संस्थान के कर्मचारियों के मेधावी बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर संस्थान के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डा. कुषाग्रा जोषी द्वारा किया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग डाॅ. जेके बिष्ट द्वारा ज्ञापित किया गया।समारोह का समापन आम की दावत के साथ सम्पन्न हुआ।