नयी दिल्ली : पटियाला हाउस ने आल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को गिरफ्तार किया था।
ज़ुबैर को 2018 के कथित रूप से एक आपत्तिजनक ट्वीट के कारण गिरफ्तार किया गया था। उन पर दंगा भड़काने के इरादे से भड़काऊ बयान देना और विद्वेषपूर्ण इरादे से धार्मिक भावनाओं का अपमान करना या करने की कोशिश करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ज़ुबैर की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को 2018 में पोस्ट की गयी जिस तस्वीर के लिये गिरफ्तार किया गया है वह 1983 की फिल्म ‘किसी से न कहना’ से ली गयी है। उन्होंने कहा कि आरोप के विपरीत ज़ुबैर ने तस्वीर से कोई छेड़छाड़ नहीं की है।
अधिवक्ता ग्रोवर ने कहा कि पुलिस ज़ुबैर से फोन मांग रही है लेकिन 2018 में उनके पास अलग फोन था जो अब खो चुका है। उन्होंने बताया कि जुबैर ने फोन खोने पर रिपोर्ट भी दर्ज करायी थी। उन्होंने अदालत से कहा कि ज़ुबैर के लैपटॉप का इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है और पुलिस अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है।
अधिवक्ता ने अदालत के सामने फिल्म के दृश्यों का वर्णन करते हुए कहा कि जिस तस्वीर के लिये जुबैर को गिरफ्तार किया गया है वह हिन्दी सिनेमा से आती है और उसे कई और लोग भी साझा कर चुके हैं। वादी पक्ष ने आरोप लगाया कि जब पुलिस ने सोमवार को ज़ुबैर को पूछताछ के लिये तलब किया तो उनके फोन से सारे एप्लिकेशन डिलीट किये जा चुके थे और वह खाली फोन लेकर आये थे। इसके जवाब में सुश्री ग्रोवर ने कहा कि जुबैर को अलग मामले में पुछताछ के लिये बुलाया गया था और उनकी गिरफ्तारी अलग मामले में हुई है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के गंभीर आरोप लगाने से पहले वादी पक्ष पुष्टि कर लें। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ज़ुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का फैसला किया। पुलिस ने ज़ुबैर को गिरफ्तार कर कल देर रात बुराड़ी के एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था। मजिस्ट्रेट ने उन्हें एक दिन के लिये पुलिस हिरासत में भेज दिया था।