गोपेश्वर। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देवी देवताओं की शरण में निकल पड़े हैं। इसके तहत उन्होंने माता अनुसूया देवी के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया। हालांकि राज्य सभा की उम्मीदवारी के सवाल को वह हंसी में टाल गए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री रावत ऊखीमठ प्रवास के बाद मंगलवार को सती माता अनुसूया के दर्शनों को निकले। भारी बारिश के बीच पूर्व सीएम रावत मंडल से 5 किमी पैदल दूरी पर स्थित अनुसूया मंदिर पहुंचे।
अनुसूया मंदिर में उन्होने पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की मनौती मांगी। इस अवसर पर उन्होने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में अनुसूया आश्रम में यात्रियों के लिए बनाए गए प्रार्थना हॉल का अवलोकन किया।
अनुसूया मंदिर के आस -पास के नजारों को देख पूर्व सीएम अभिभूत हो उठे। उन्होने कहा कि अनुसूया आश्रम स्वर्ग के समान है। इस दौरान लोगों ने पूर्व सीएम को अनुसूया मंदिर तक 5 किमी सडक़ मार्ग निर्माण की घोषणा को याद दिलाया।
पूर्व सीएम ने कहा कि वह अपने स्तर से सडक़ निर्माण के लिए प्रयास करेंगे। उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में तीर्थाटन तथा पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। अनुसूया देवी मंदिर से वापस लौट कर सिरोली, देवलधार तथा ग्वाड़ गांव में स्थानीय लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष रघुबीर सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, पूर्व राज्य मंत्री रिपुदमन सिंह रावत, अधिवक्ता पृथ्वीराज चौहान, पूर्व राज्य मंत्री शमशेर सिंह सत्याल, जिला पंचायत सदस्य विक्रम सिंह बर्त्वाल, नगराध्यक्ष विनोद कनवासी, महामंत्री भास्कर सेमवाल, पं प्रदीप सेमवाल, पूर्व बीडीसी मेंबर देवेंद्र बिष्ट आदि उनके साथ रहे।
इसके बाद पूर्व सीएम भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में भाग लेने तपोवन निकल पड़े।
तपोवन में महिष मर्दिनी भगवती, दुर्गा तथा लक्ष्मी के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। रात्रि विश्राम पूर्व सीएम सीमांत गांव करछी में करने के पश्चात बुधवार को वह श्रीनगर गढ़वाल को प्रस्थान करेंगे।