धामों में संख्या बढ़ने पर रास्ते में यात्रियों को ठहराये सरकार : हरीश
रास्ते में पड़ने वाले तीर्थ स्थलों के दर्शन कराने का भी दिया सुझाव
देहरादून। पूर्व सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सुझाव दिया है कि धामों में भीड़ बढऩे की स्थिति में सरकार यात्रियों को यात्रा मार्ग के तीर्थ स्थलों में ठहरने का इंतजाम करना चाहिए।
इसके इन तीर्थ स्थलों में भी चहल-पहल रहेगी तथा धामों में दबाव कम रहेगा तो यात्रियों को कठिनाई नहीं होगी।
रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हरिद्वार से राज्य के हर हिस्से में प्रत्येक 50-60 किलोमीटर पर कोई न कोई महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। ऐसे में हमको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो बाहर के यात्रीगण आ रहे हैं और यदि केदारधाम, बद्रीधाम, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में संख्या ज्यादा हो रही है तो कुछ लोगों को सरकारी खर्चे पर रास्ते में पड़ रहे तीर्थ स्थलों में ही ठहराया जाना चाहिए।
धामों में दबाव कम होने तक उन्हें रास्ते के तीर्थ स्थल के दर्शन करवाने चाहिए, लेकिन वहां ठहराने का खर्च सरकार स्वयं वहन करें।
रावत ने कहा है कि सरकार को मेडिकल सुविधाओं के साथ खान-पान की सुविधाओं पर भी नजर रखनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा है कि उन्हें कुछ लोगों ने फोन करके बताया कि 150-160 रुपये का एक पराठा चार्ज हो रहा है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग तो इतना महंगा पराठा खरीद सकते है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आस्था के कारण अपनी छोटी-मोटी बचत करके तीर्थ यात्रा करने आते हैं।
हमारे तीर्थ स्थलों के प्रति उनकी मान्यता है, तो हमें इस बात को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उन सब लोगों को धामों में खाने-पीने व रहने की सुविधा उचित मूल्य पर मिल जाए।
दवा और एसडीआरएफ की सुविधा के लिए तो हर 100 यात्रियों के बीच में हमें एक हेल्प डेस्क बनाना चाहिए। जहां पर यात्री को हर तरीके की सुविधा और मार्गदर्शन मिल सके।
उन्होंने कहा है कि यह अब केवल सरकार की चुनौती नहीं रह गई है। वे राज्य के लोगों से अपील करते हैं कि हम सबकी सामूहिक चुनौती है।
यदि हम कुछ कह रहे हैं तो हमारे कहे को राज्य सरकार की आलोचना न समझा जाए। बल्कि कुछ बातें जो हम लोगों तक आ रही हैं, उसको हम राज्य सरकार तक पहुंचा कर उनके काम में हाथ बंटाने के भाव से इसको ले रहे हैं।