नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को लेकर बुधवार को शिवराज सरकार को राहत प्रदान करते हुए अब मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने के निर्देश जारी किये।
उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी और प्रदेश की शिवराज सरकार को बड़ी जीत मिली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओबीसी आरक्षण के प्रयास आखिरकार सफल हो गए हैं। न्यायालय ने आदेश दिया है कि मध्यप्रदेश में चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 50 परसेंट तक ओबीसी आरक्षण देने के आदेश दिए हैं। एक सप्ताह में आरक्षण नोटिफाई किया जाए। अगले एक सप्ताह में चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50 फीसदी से अधिक नहीं होगा।
इसके पहले, सोमवार को हुई सुनवाई में न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत में दायर मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन में मध्य प्रदेश सरकार से सारे तथ्यों को सुनने के बाद कुछ और जानकारी मांगी गई थी, जिसे आज पेश किया गया। पिछड़ा वर्ग को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट कराया गया।