देहरादून। हरिद्वार जिले में तीन महीने के अंदर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न करा देगी सरकार। प्रदेश सरकार की ओर से यह बात कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ के समक्ष रखी गयी।
युगलपीठ के समक्ष हरिद्वार निवासी शमशेर अली की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी। सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर अदालत में पेश हुए।
उन्होंने अदालत को बताया कि सरकार हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने को लेकर गंभीर है। जिले में परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है। परिसीमन की प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद आरक्षण की प्रक्रिया अपनायी जायेगी।
इसके बाद चुनाव करा लिये जायेंगे। उन्होंने अदालत से इसके लिये तीन महीने की समय की मांग की। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से अदालत के समक्ष उल्लेख करते हुए बताया गया कि सरकार हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं करवा रही है।
सरकार की ओर से प्रशासक नियुक्त किये गये हैं, वह पंचायती राज अधिनियम की धारा 30(6) के विपरीत है। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता से सख्त लहजे में पूछा कि मामले का उल्लेख करते वक्त याचिकाकर्ता की ओर से प्रशासकों की नियुक्ति के मामले में पंचायती राज अधिनियम की वैद्यता को चुनौती देने की बात कही गयी थी लेकिन जनहित याचिका में ऐसी कोई मांग नहीं की गयी है।
श्री बाबुलकर की ओर से भी कहा गया कि यदि याचिकाकर्ता अधिनियम की वैधता को चुनौती देना चाहते हैं तो सरकार इस मामले में बहस को तैयार है।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से माफी मांगी गयी और अंत में अदालत ने महाधिवक्ता की बात से सहमति व्यक्त करते हुए सरकार को तीन महीने का संमय प्रदान कर दिया।