पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की दावत-ए-इफ्तार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव और विधायक तेजप्रताप के शामिल होने से प्रदेश का राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है।
जदयू की ओर से हज भवन में आयोजित दावत-ए-इफ्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने के बाद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के ज्येष्ठ पुत्र तेजप्रताप यादव एवं छोटे पुत्र और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव भी पहुंचे।
इफ्तार के बाद रोजे की नमाज अदा की गई, जिसमें दावत-ए-इफ्तार में शरीक मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश, समाज और देश में अमन-चैन, शांति एवं भाईचारे का माहौल कायम रहने की दुआ मांगी। मुख्यमंत्री ने दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुये विभिन्न दलों के नेताओं का स्वागत किया।
जदयू के दावत-ए-इफ्तार में तेजस्वी और तेजप्रताप के पहुंचने और इससे पूर्व आज ही राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ओर से मुखमंत्री श्री कुमार को राजद में शामिल होने की पेशकश ने प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।
श्री सिंह ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री श्री कुमार डा. राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के बताए रास्ते पर चलने को तैयार हैं तो उनका राजद में स्वागत है। साथ ही उन्हें तेजस्वी यादव का नेतृत्व भी स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा, “श्री कुमार ने कई भूल की है।
यदि वह सुधार करते हैं तो हम उन्हें अपने साथ ला सकते हैं। इन सियासी घटनाक्रम के बीच चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा काट रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।
इसके बाद गुरुवार को रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की विशेष अदालत ने भी कोर्ट उनकी रिहाई का आदेश जारी कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषक मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में राजद सुप्रीमो की जमानत को प्रदेश में बड़े राजनीतिक फेरबदल का संकेत मान रहे हैं।