तंजावुर। तमिलनाडु में तंजावुर के पास एक मंदिर की रथयात्रा के दौरान करंट लगने से तीन नाबालिगों सहित 11 लोगों की मौत हो गयी जबकि कई अन्य झुलस गये। पुलिस महानिरीक्षक वी. बालकृष्णन ने कहा कि कालीमेडु के ग्रामीणों द्वारा गठित एक शैव प्रार्थना क्लब ने सातवीं शताब्दी के तमिल कवि-संत अप्पर की याद में रथयात्रा का आयोजन किया। दुर्घटना वार्षिक चिथिरई उत्सव के दौरान हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, तमिलनाडु के तंजावुर में दुर्घटना से गहरा दुख हुआ। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है। मैं आशा करता हूं कि घायल लोग जल्द ही ठीक होएंगे।
अप्पर या थिरुनावुक्कारासर की तस्वीर वाली रथयात्रा को मंगलवार मध्यरात्रि बड़ी संख्या में भक्त खींच रहे थे। इसी दौरान करीब 12:45 बजे रथ के ऊपर 25 से 30 फुट का बिजली का सीरियल बल्ब हाई वोल्टेज लाइन के संपर्क में आ गया।
इससे रथ में आग लग गयी और 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। घटना में झुलसे 13 अन्य लोगों को तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां बुधवार सुबह 13 वर्षीय एक नाबालिग ने दम तोड़ दिया। एक अन्य व्यक्ति की भी हालत नाजुक है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
कोविद और मोदी ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु के तंजावुर में को रथयात्रा के दौरान हुई दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गयी है। कोविंद ने बुधवार को ट्वीट कर कहा , तंजावुर में रथयात्रा के दौरान करंट लगने से बच्चों सहित कुछ लोगों की मौत की त्रासदी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री के ट्वीट संदेश में कहा,तमिलनाडु के तंजावुर की दुर्घटना से अत्यंत दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में शोक-संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं।