जंगलों में आग लगाई तो होगी जेल, दूरबीन से की जाएगी निगरानी

आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी व पुलिस के जवान भी रखेंगे नजर

पिथौरागढ़ । जंगलों की आग को लेकर जिलाधिकारी अब सख्त रुख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जुर्माने के साथ ही आग लगाने वालों को जेल भी होगी। आग लगाने वाले का नाम बताने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखते हुए ईनाम भी दिया जाएगा।
वनाग्नि की बढती घटनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी, पुलिस, पीआरडी, वन विभाग और तहसील स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली।

उन्होंने ब्लॉक, तहसील एवं जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नामित कर वनाग्नि की घटनाओं पर निगरानी रखने के निर्देश दिए। कहा कि आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी व पुलिस को भी एरिया आवंटित करते हुए उनका सहयोग लिया जाए।
उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान, ग्राम प्रहरी, ग्राम विकास अधिकारी व राजस्व उपनिरीक्षक सक्रियता के साथ वन संपदा को बचाने के लिए काम करें। इसमें सिविल सोसायटी के लोगों को भी शामिल करें। वनों की आग बुझाने के लिए एक सिस्टम और प्लानिंग के साथ काम किया जाए।
डीएम ने निर्देश दिए कि जंगलों में आग लगाने वालों की पहचान करें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की जाए। विगत दो दिन पहले कमिश्नर और डीएम के भ्रमण के दौरान सोरलेक के निकट जंगल में आग लगाने पर एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज भी की जा चुकी है।

जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि इस साल मार्च व अप्रैल में कम बारिश हुई है जिससे आने वाले समय में गर्मी बढ़ने से वनाग्नि की घटनाएं बढ़ सकती हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को अपने क्षेत्रों में निगरानी रखते हुए खेतों में पराली जलाने वालों पर नजर रखने को कहा।

मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि विद्यालयों में प्रार्थना सभा में प्रत्येक दिन वनाग्नि से होने वाले नुकसान के प्रति बच्चों को जागरूक किया जाए। बैठक में डीएफओ कोको रोसो सहित आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी, पुलिस, आपदा प्रबांन और वर्चुअल माध्यम से तहसीलों से सभी एसडीएम जुड़े थे।

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