महाविद्यालयों में नियुक्त होगी शतप्रतिशत फैकल्टी : धन सिंह रावत

विश्वविद्यालय जारी करेंगे शैक्षिक कैलेण्डर, प्रत्येक वर्ष होगा दीक्षांत समारोह

  • नई शिक्षा नीति-2020 के तहत नवीन पाठ्यक्रम को शीघ्र मिलेगी स्वीकृति

देहरादून। सूबे के राजकीय महाविद्यालयों में एक माह के भीतर शतप्रतिशत फैकल्टी भरी जायेगी। राजकीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक कैलेण्डर लागू होगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय को नियत समय पर परीक्षा परिणाम घोषित कर प्रत्येक वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन करना होगा।

उच्च शिक्षा विभाग में इसी सत्र से नई शिक्षा नीति-2020 लागू की जायेगी। एनईपी के तहत गठित राज्य स्तरीय समिति ने च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम के लिए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। जिसकी स्वीकृति शीघ्र प्रदान कर दी जायेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा उच्च शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

बैठक में रावत ने राजकीय महाविद्यालयों में एक माह के भीतर शतप्रतिशत फैकल्टी भरने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि जिन महाविद्यालयों में फैकल्टी के रिक्त पदों के सापेक्ष डीपीसी एवं गेस्ट फैकल्टी के द्वारा भरा जाय।

इसके अलावा विभागीय अधिकारियों को महाविद्यालयों में शिक्षणेत्तर के रिक्त पदों को भी शीघ्र प्रोन्नति कर भरने को कहा। विभागीय मंत्री ने राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शैक्षणिक कैलेण्डर तैयार कर इसी सत्र से लागू करने के निर्देश दिये।

उन्होंने विश्वविद्यालयों को नियत समय पर परीक्षा परिणाम घोषित कर प्रत्येक वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन करने को कहा। रावत ने विभागीय अधिकारियों को इसी सत्र से प्रथम सेमेस्टर में नई शिक्षा नीति लागू करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि नई नीति लागू करने के लिए सभी जरूरी तैयारी की अभी से की जाय। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा तैयार च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम पाठ्यक्रम को शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी।

तदोपरांत पाठ्यक्रम को प्रत्येक विश्वविद्यालय अपनी प्रबंध समिति से पारित करा कर लागू करेगा। उन्होंने राजकीय महाविद्यालयों में टैबलेट वितरण की प्रगति, निर्माण कार्यों की प्रगति, 4जी नेटवर्क, रूसा के अंतर्गत सामग्री क्रय, नवीन महाविद्यालयों हेतु भूमि चयन की प्रगति, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन, नैक ग्रेडिंग की तैयारी सहित विभिन्न योजनाओं की विस्तारपूर्वक समीक्षा की।

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