रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा के दौरान पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों की इन दिनों मेडिकल जांच के साथ ही बीमा किया जा रहा है। जांच एवं बीमा के बाद अभी तक 12 सौ से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण हो चुका है। पशुपालन विभाग की ओर से मेडिकल जांच किये जाने के बाद जिला पंचायत की ओर से पंजीकरण किया जा रहा है।
छह मई को विश्वविख्यात केदारनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाने हैं। चारधाम यात्रा को लेकर जिला प्रशासन समेत यात्रा से जुड़े अन्य विभाग तैयारी करने में जुट गये हैं।
केदारनाथ धाम में पानी, बिजली सहित विभिन्न स्थानों पर खस्ताहाल पैदल मार्ग की स्थिति को सुधारने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। वहीं पशुपालन विभाग ने विभिन्न स्थानों पर घोड़ा खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण व बीमा करवाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोस्टर के अनुसार शिविर लगाए हैं।
विगत 21 मार्च से पशुपालन विभाग ने रोस्टर के अनुसार गांवों में शिविर शुरू कर दिए थे। ताकि अधिक से अधिक घोड़े खच्चरों की मेडिकल जांच व बीमा करवाया जा सके।
अब तक जिला पंचायत 1242 घोड़े खच्चरों का पंजीकरण का कार्य पूरा हो गया है। 15 अप्रैल से यात्रा के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग में नियमित रूप से पशुओं की मेडिकल जांच के साथ घोड़े खच्चर एवं उसके मालिक व हाकरों का पंजीकरण कार्य शुरू किया जाएगा।
जिला पंचायत के कर निरीक्षक दिनेश नौटियाल ने बताया कि अभी तक करीब 1242 घोडा-खच्चरों का पंजीकरण कार्य पूरा चुका है। शिविरों के माध्यम से अन्य घोडा खच्चरों का पंजीकरण होने के बाद 15 अप्रैल से सोनप्रयाग में पंजीकरण का नियमित कार्य शुरू किया जाएगा। जिसमें पशुओं के साथ ही उनके मालिक व हाकरों का पंजीकरण किया जाएगा।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण के विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाए जा चुके है।