देहरादून। पिछले साल दिसंबर में देहरादून में एक बहु-विषयक विश्वविद्यालय, यूपीईएस ने एक महत्वाकांक्षी प्रोग्राम ‘रनवे’ की शुरुआत की थी। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के भीतर और बाहर स्टार्ट-अप के साथ काम कर उनके कारोबारी दायरे का विस्तार करने में मदद करता है।
एक चौथाई यात्रा पूरी करने के बाद रनवे ने यूपीईएस में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में 400 से अधिक आवेदनों में से 82 स्टार्ट-अप विचारों के साथ अपना पहला प्री-इनक्यूबेशन समूह शुरू किया है।
तैयारी (पिचिंग) के पहले दौर में चयनित 82 स्टार्ट-अप में से 8 स्टार्ट-अप ने निवेशकों के एक समूह से 70 लाख रुपये से अधिक की राशि जुटाई है, जिसमें द इंडिया नेटवर्क के सीईओ राहुल नार्वेकर, यूपीईएस में प्रो वीसी डॉ. राम शर्मा, यूपीईएस अल्युमिनाई मुदित वर्मा और डायरेक्टर क्रेस्ट इनोवेशन के मुख्य निवेशक गगन घई शामिल हैं। यह यूपीईएस और उत्तराखंड में पहला मामला है, जहां मौके पर ही फंड जुटाया गया।
फंडिंग जुटाने वाले ये आठ स्टार्ट-अप हैं
1. एल्टेरिडियम-अखिल दामोदरन द्वारा स्थापित और डॉ रूपेश कुमार द्वारा सह-स्थापित, यह भारत की पहली ब्लॉकचेन-आधारित स्मार्ट अनुबंध कंपनियों में से एक है। यह स्मार्ट अनुबंध उत्पादों का विकास करेगा जिनका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और लॉजिस्टिक्स या रसद आदि में किया जा सकता है।
2. डीएएसी – सिद्धार्थ प्रकाश द्वारा स्थापित और किशोर टिकाले, सिद्धार्थ दा व नितिन शर्मा द्वारा सह-स्थापित एक ऑटोमोटिव डिजाइन स्टूडियो है।
3. डब्ल्यू एंड डब्ल्यू ऑर्गेनिक-आकांक्षा सिमरा द्वारा स्थापित और प्रतीक्षा द्वारा सह-स्थापित पेपर पैकेजिंग में ऑर्गेनिक सोप बार्स के आइडिया से संबंधित है।
4. आगयो-मुकुल मेहता द्वारा स्थापित हाइपरलोकल मार्केटप्लेस और ई-कॉमर्स का एक संयुक्त समाधान विशेष रूप से टियर 3 और निचले शहरों और कस्बों के लिए लक्षित है।
5. विंध्यवासिनी, नुवेनी रैना द्वारा स्थापित एक पीरियड क्रैम्प रिलीफ बेल्ट यानी मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत देने के लिए तैयार किया गया बेल्ट है।
6. बजिंगा चिकन चिप्स-दीया गोयल द्वारा स्थापित और अकुल गोयल द्वारा सह-स्थापित, एक एफएमसीजी मांसाहारी उत्पाद है, जो अस्वास्थ्यकर स्नैक्स खाने की की समस्या को हल करता है।
7. एनीमे देवता – देव तनेजा द्वारा स्थापित और हिमांगशु गोस्वामी द्वारा सह-स्थापित, सबसे सस्ती कीमतों पर सबसे अच्छे, अद्वितीय एनीमेशन और ग्राफिक मर्चेंडाइज की सुविधा प्रदान करना है।
8. अचल अग्रवाल द्वारा स्थापित रोड्ज, एक ऐसा आइडिया है जिसका उद्देश्य सड़क की गुणवत्ता और गड्ढों की सटीक चेतावनी के आधार पर मार्गों के बारे में जानकारी देना है।
प्री-इनक्यूबेशन कार्यक्रम के लॉन्च पर, रनवे के सीईओ राहुल नैनवाल ने कहा, यूपीईएस में हम परिसर के भीतर या बाहर अनुसंधान, नवाचार या नई खोज और उद्यमिता को बढ़ावा देने में विश्वास करते हैं। इसी विश्वास के साथ हमने रनवे कार्यक्रम शुरू किया था और पहले धन जुटाए जाने और इनक्यूबेशन प्रोग्राम ने इसे सकारात्मक और सफल शुरुआत दी है।
अब इसका उद्देश्य चयनित स्टार्ट-अप विचारों का पोषण और मार्गदर्शन करना है और अधिक छात्रों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को अपने स्टार्ट-अप सपने को आगे बढ़ाने और रनवे में इनक्यूबेट करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
चयनित स्टार्ट-अप संस्थापकों को होलिसोल लॉजिस्टिक्स के नवीन रावत और मनीष आहूजा,जीविसा वेलनेस की संस्थापक सारिका पंछी, सारथी की संस्थापक ऋचा बंसल, रेमाच टेक्नोलॉजीज के सीईओ मुदित वर्मा, इनवोकॉन के संस्थापक तरनजीत सिंह, पेंशन बॉक्स के संस्थापक कुलदीप पाराशर और इंडिया नेटवर्क के सीईओ राहुल नार्वेकर जैसे उद्यमियों के साथ बातचीत करने का भी अवसर मिला।
चयनित 82 रनवे स्टार्ट-अप विचार अब आठ-सप्ताह तक सावधानीपूर्वक तैयार किए गए कार्यक्रम से गुजरेंगे, जहां वे यह सीखेंगे कि व्यवसाय कैसे बनाया जाए, कंपनियों को कैसे शामिल किया जाए और अनुभवी उद्यमियों, सीए और स्टार्ट अप संरक्षकों के साथ बातचीत करके निवेशकों के लिए एक जमीन कैसे तैयार की जाए।
प्री-इनक्यूबेशन कार्यक्रम के अंत में, स्टार्ट-अप्स को अनुदान जुटाने और रनवे पर औपचारिक रूप से शुरुआती समय के दौरान तैयार होने या निवेशकों के एक समूह के समक्ष अपनी बात रखने और फंड जुटाने का अवसर मिलेगा।
‘रनवे’ यूपीईएस काउंसिल फॉर इनोवेशन एंड आंत्रप्रेन्योरशिप (यूसीआईई) के तहत स्थापित किया गया है, जिसे उत्तराखंड सरकार द्वारा एक बिजनेस इनक्यूबेटर और राज्य नोडल एजेंसी के रूप में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और राज्य में स्टार्ट-अप को इनक्यूबेट करने में मदद करने के लिए मान्यता दी गई है।
रनवे का उद्देश्य इन स्टार्ट-अप्स को सही समय पर उचित सहायता, प्रशिक्षण, पिचिंग, पोषण और नेटवर्किंग से जुड़ी प्रक्रिया के माध्यम से अपने विचारों को परिष्कृत करने में मदद करना है।