देहरादून । राजभवन में उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की बैठक में राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था को राज्य मे एक प्रभावी विजन, मिशन और सोच के साथ कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि संस्था को स्व-उत्तरदायित्व के अगले स्तर पर पहुंचना होगा। उन्होंने प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण एल फैनई तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था के लाभार्थियों, जिनमें पूर्व सैनिक, वीर नारियां, सैनिक आश्रित तथा दिव्यांग सैनिक सम्मिलित है, के पर्याप्त आंकड़े डिजिटल रूप से उपलब्ध करवाए जाए।
राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था की एआई इनेबल्ड एंड्राइड मोबाइल बेस्ड पोर्टल तथा वेबसाइट विकसित की जाए, ताकि पूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों का संपर्क सरलता से संस्था से हो सके। उन्होंने कहा कि वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके परिवारों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
इसके साथ ही राज्यपाल ने शहीदों की विधवाओं के कल्याण तथा पुनर्वास पर विशेष बल देने की बात कही। श्री सिंह ने राज्य के समस्त दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों को राजभवन की ओर से प्रति सैनिक 5001 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने हेतु सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था का पूर्णत: आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने संस्था को निर्देश दिए कि राज्य के प्रत्येक जनपद में सेना में भर्ती हेतु प्रशिक्षण केंद्र खोलने के प्रयास किए जाए। इसके लिए तात्कालिक रूप से विद्यालयों के खेल मैदानों का प्रयोग किया जा सकता है।
श्री सिंह ने कहा कि संस्था को प्रयास करने होंगे कि राज्य के बहुसंख्यक भूतपूर्व सैनिकों की राज्य में जैविक खेती, नेचुरल फार्मिंग, फॉरेस्टेशन, सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन मे किस प्रकार गेमचेंजर की भूमिका हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की बेटियों की एनडीए, सैनिक सेवाओं तथा अन्य प्रतिष्ठित केंद्रीय व राज्य सरकार की सेवाओं में किस प्रकार भागीदारी बढ़े इसके लिए सैनिक पुनर्वास संस्था को भी प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आरंभ की जा रही हिम प्रहरी योजना में सैनिक पुनर्वास संस्था क्या योगदान दे सकती है इस पर विचार किया जाए। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि ) ने कहा कि वह शीघ्र ही संस्था की कृषि भूमियों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि संस्था की 1423 एकड़ भूमि का अधिकतम सदुपयोग किया जाना चाहिए तथा इन पर एरोमेटिक, मेडिसिनल हर्बस तथा आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।