चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक था और हमेशा रहेगा :खट्टर

चंडीगढ़ । पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ पर दावे को छिड़े राजनीतिक विवाद के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक था, है और हमेशा रहेगा।  खट्टर करनाल में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मुददे पर मजबूती से खड़े हैं और प्रदेश की जनता भी हमारे साथ हैं।’’ उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब सरकार को अभी थोड़ा समय ही हुआ है, लेकिन उन्होंने यह विवादित मुद्दा छेड़ दिया है, जो सही नहीं है।

इससे पूर्व खट्टर ने सफीदों में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि पंजाब हरियाणा का बड़ा भाई है और बड़े भाई का फर्ज बनता है कि छोटे भाई के साथ उल्टा-सीधा व्यवहार न करे। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब की नई नवेली सरकार ने गलत निर्णय लेते हुए हरियाणा के हितों के साथ कुठाराघात करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाफ पंजाब ने एक प्रस्ताव पास किया है जिसमें उसने चंडीगढ़ पर अपना हक जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने चंडीगढ़ पर अपना हक तो जता दिया है लेकिन वह सतुलज यमुना जोड़ नहर (एसवाईएल) का मुद्दा भूल गए हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी पंजाब को हरियाणा के हिस्से का पानी देने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि जब पंजाब हरियाणा को उसके हक का पानी नहीं दे रहा तो दिल्ली के लिए वह सरकार किस मुंह से हरियाणा से पानी मांग रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 400 हिंदी भाषी गांवों का मुद्दा भी लंबित है। खट्टर ने कहा, ‘‘मुझे तो ऐसा लगता है कुछ लोगों के बहकावे में पंजाब सरकार उल्टे-सीधे फैसले ले रही है। एसवाईएल व हिंदी भाषी गांवों का मुद्दा हरियाणा की जनता के लिए जीवन व मरण का प्रश्र है।’

इस बीच, आज सुबह ही श्री खट्टर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा विधानसभा का एक विशेष सत्र मंगलवार, पांच अप्रैल को बुलाने का निर्णय किया गया है। केंद्र के चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियम लागू करने की घोषणा से छिड़े विवाद के बाद हाल में पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।

प्रस्ताव को भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक दलों के विधायकों ने समर्थन दिया था। खट्टर इस प्रस्ताव की आलोचना यह कहकर कर चुके हैं कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब, दोनों की राजधानी है और चंडीगढ़ पर पंजाब विधानसभा के एकतरफा प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं है। 

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