टीईटी पेपर लीक मामला : एसटीएफ ने दो आरोपी को किया गिरफ्तार

लखनऊ। टीईटी पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी समेत दो लोगों को एसटीएफ ने आज गिरफ्तार कर लिया है।एसटीएफ के मेरठ क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ब्रजेश सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने कुख्यात नकल माफिया अरविन्द राणा और उसके साथी राहुल को मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना से गिरफ्तार किया है। शातिर अपराधी राणा के विरुद्ध दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।

सिंह ने बताया कि इसी मामले के एक अन्य आरोपी निर्दोष चौधरी ने पहले ही शामली की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। निर्दोष ने कांधला निवासी विकास को पांच लाख रुपये में परीक्षा के पेपर की फोटो कॉपी बेची थी। निर्दोष चौधरी अलीगढ़ के एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षक है।

उन्होने बताया कि राणा का नाम सामने आने के बाद उसे नामजद आरोपी बनाया गया था। टीम उससे गहन पूछताछ कर रही है जिससे उसके गैंग के अन्य साथियों को पकड़ा जा सके। लखनऊ स्थित एसटीएफ मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार शामली थाना कोतवाली में इन वांछित आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज था।

दोनों को बुढाना में बिटावदा शिव मन्दिर के सामने से शनिवार को लगभग 00.40 बजे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों के विवरण का जिक्र करते हुए एसटीएफ के बयान में बताया गया कि अरविन्द राणा पुत्र ब्रहमपाल सिंह शामली जिले के बझेडी गांव का निवासी है।

जबकि, राहुल पुत्र भोपाल सिंह बुढाना थाने के ग्राम बिटावदा का रहने वाला है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 28 नवंबर को प्रदेश के सभी 75 जनपदों मे कुल 273 परीक्षा केन्द्रो पर दो पालियों में उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 होनी थी। सुचितापूर्ण, पारदर्शी, नकल विहीन तरीके से परीक्षा संपन्न कराये जाने हेतु एसटीएफ की विभिन्न टीमों को निर्देशित किया गया था।

जिसके अनुपालन में एसटीएफ मेरठ टीम द्वारा जरूरी सूचनायें संकलित कर माकूल कार्यवाही की जा रही थी। इसी दौरान परीक्षा में अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कराने के लिए कुछ व्यक्ति स्वंय तथा अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए संगठित गिरोह बनाकर प्रश्न पत्रों को अवैध तरीके से आउट कराकर प्रश्न पत्रों को भारी दाम पर अभ्यर्थियों को बेचकर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित करने की सूचना मिली। इस पर एसटीएफ की विभिन्न टीमों द्वारा अलग-अलग जनपदों में गिरफ्तारी कर अभियोग पंजीकृत कराये गये थे।

इस संबंध में थाना कोतवाली जनपद शामली में भी एक मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें शामली के ग्राम बुटराडी निवासी अभियुक्त धर्मेन्द्र मलिक पुत्र कवरपाल, शामली के ही ग्राम नाला निवासी रवि पवार उर्फ बन्टी पुत्र बिनोद सिंह और शामली के ग्राम झाल निवासी मनीष मलिक उर्फ मोनू पुत्र देवेन्द्र को 28 नवंबर को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

इसके बाद 29 नवंबर को बागपत जिले के ग्राम छचरपुर निवासी राहुल चौधरी पुत्र रविराज को तथा 30 नवंबर को अलीगढ़ जिले के हजियापुर निवासी गौरव कुमार पुत्र प्रमोद को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में अरविन्द राणा एवं राहुल वांछित चल रहा थे।

इनकी गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ की मेरठ फील्ड इकाई के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह की अगुवाई वाली टीम के लगातार प्रयास के बाद दोनों वांछितों को पकड़ने में सफलता मिल सकी है। टीम को सूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि राहुल से मिलने अरविन्द उसके गांव आया था तथा वहां से दोनों कहीं दूर भागने की फिराक मे हैं।

जिस पर एसटीएफ के निरीक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व वाले दल ने बुढाना में ग्राम बिटावदा में मन्दिर के पास दोनों को दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के बयान के अनुसार राहुल ने पूछताछ में बताया कि उसने झाल निवासी मोनू से कुछ अभ्यर्थियों को टीईटी परीक्षा में भर्ती कराने की बात की थी।

इसके एवज मे उसने मोनू को 06 लाख रुपये पहले ही दे दिये थे, लेकिन परीक्षा में उक्त अभ्यर्थी भर्ती नही हुए थे। उसके बाद 28 नवंबर को होने वाली टीईटी परीक्षा का पेपर पहले दिये गये 06 लाख रुपये के एवज में मोनू ने उसे दिये, जिसे उसने 20-22 अभ्यर्थियो को पढ़ाया था।

इसके एवज में राहुल ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 50-50 हजार रुपये लिये थे। अरविन्द राणा ने पूछताछ में बताया कि उसने राहुल से कहा था कि वह मोनू से यूपी टीईटी का पेपर लेकर आये तथा वे दोनों मिलकर अभ्यर्थियों को तैयार करेगें।

उसके बाद राहुल उक्त पेपर मोनू से लेकर आया था तथा दोनों ने मिलकर अभ्यर्थियो से 50-50 हजार रुपये लेकर पढ़ाया था। दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी क बाद शामली थाना कोतवाली में दर्ज मामले में अब अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

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