इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने से ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की मुख्य गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम) ने विपक्ष के साथ समझौता कर लिया है, जिससे उन्हें तगड़ा झटका लगा है और खान की पार्टी ने नेशनल असेंबली में बहुमत खो दिया है।
स्थानीय अखबार ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार देर रात तक एमक्यूएम-पी और संयुक्त विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल के बीच सहमति बनने के बाद नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता एवं पीएमएलएन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ, पूर्व अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी, पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी तथा पीडीएम के अध्यक्ष एवं जेयूआईएफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान डॉ खालिद मकबूल सिद्दीकी के पार्लियामेंट लॉज स्थित आवास पर भी पहुंचे मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान के सीनेटर फैसल सब्जवारी ने इमरान का साथ छोड़ने की ट्विटर पर पुष्टि की है तथा संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम-पी के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति और एमक्यूएम-पी की समन्वय समिति द्वारा बुधवार को प्रस्तावित समझौते की पुष्टि के बाद इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा, “संयुक्त विपक्ष और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान एक समझौते पर पहुंच गए हैं। राबता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी के बीच इस समझौते की पुष्टि करेंगे। हम कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ विवरण साझा करेंगे।
मुबारक हो पाकिस्तान।एमक्यूएम के विपक्ष में शामिल होने के साथ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटों की अंतिम गिनती से पहले ही इमरान खान ने नेशनल असेंबली में अपना बहुमत खो दिया है।