नैनीताल। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में निर्वाचन आयोग के ढुलमुल रवैये से उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) में असंतोष है और पार्टी ने भविष्य में ऐसे मामलों पर नजर रखने और निर्वाचन आयोग पर कार्रवाई के लिये दबाव बनाने के लिये एक दलीय फोर्स स्थापित करने का निर्णय लिया है।
उक्रांद के केन्द्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा के बाद नैनीताल में पत्रकारों से कहा कि कई स्थानों पर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की ओर से आचार संहिता उल्लंघन के मामले देखने को मिले लेकिन चुनाव आयोग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली।
ऐरी ने इसे गंभीर मामला बताया , हालांकि उन्होंने इसे पार्टी की हार की एक प्रमुख वजह से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसी के चलते मतदाता भाजपा व कांग्रेस के बीच बंट गया। उनका इशारा चुनाव प्रचार के दौरान पैसे के बढ़ते प्रचलन से हैै।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले चुनावों में उक्रांद इसे गंभीरता से लेगा और ऐसे मामलों पर नजर रखने के लिये कार्यकर्ताओं की एक फोर्स का गठन करेगा। उन्होने आगे कहा कि पार्टी राज्य की अवधारणा से जुड़े मुद्दों से नहीं भटकेगी और उन्हें आने वाले समय में और धार दी जायेगी।
जिससे आने वाले समय में पार्टी एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर सके। उन्होंने यह भी कहा कि रविवार को हुई समीक्षा बैठक में तय किया गया कि पार्टी प्रत्याशियों और केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ अप्रैल के दूसरे सप्ताह में एक चिंतन बैठक का आयोजन करेगी जिसमें पार्टी के हार के कारणों व संगठन की मजबूती पर जोर दिया जायेगा। उन्होंने संकेत दिये कि पार्टी बागियों के खिलाफ भी ठोस कदम उठाने से नहीं चूकेगी।