- बाल कांग्रेस ने साल भर में पांच लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा
- किशोरों-युवाओं के बीच पैठ बढ़ाने को विधानसभावार बनेंगी एक फीमेल वाइस कैप्टन
’राकेश प्रजापति
भोपाल।किशोरों-युवाओं के बीच पैठ बढ़ाने के लिए गठित की गई बाल कांग्रेस में अब युवतियों को भी शामिल करने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में एक फीमेल वाइस कैप्टन बनाने का निर्णय किया गया है। यह कवायद पार्टी आधी आबादी में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए कर रही है। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर हर विधानसभा क्षेत्र में एक फीमेल वाइस कैप्टन की नियुक्ति करना शुरू कर दिया गया है। अब तक लगभग 55 कैप्टन और वाइस कैप्टन की नियुक्ति की जा चुकी है। उन्हें हर विस क्षेत्र में एक फीमेल वाइस कैप्टन बनाने का लक्ष्य दिया गया है।
मार्च तक सभी विधानसभाओं में कैप्टन व वाइस कैप्टन की नियुक्ति का काम पूरा किया जाना है। इसका मकसद अधिक से अधिक किशोरियों-युवतियों के बीच में पैठ बनाना है। बाल कांग्रेस ने साल भर में पांच लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके एवज में अब तक करीब 25 हजार सदस्य बनाए जा चुके हैं। इस तरह उसे नवंबर तक पौने चार लाख सदस्य और बनाने हैं।
प्रदेशभर में लागू होगी भाजपा की बूथ विस्तारक योजना
संघ और भाजपा की प्रयोगभूमि मप्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की टीम ने बूथ विस्तारक योजना को जिस तरह सफल बनाया है उससे भाजपा आलाकमान और आरएसएस भी फूले नहीं समा रहे हैं।
भाजपा आलाकमान अब टीम वीडी के फामूर्ले से बूथ विस्तारक योजना को देशभर में लागू करने की कार्ययोजना बना रही है। प्रदेश के 59 हजार बूथों में से 90 फीसदी के डिजिटलाइजेशन हो चुके हैं! इसका संकेत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंदौर में प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों व अन्य नेताओं की बैठक में दिए।
गौरतलब है कि मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जोड़ी देश की राजनीति में सबसे आदर्श जोड़ी बनी हुई है। सत्ता और संगठन के समन्वय से प्रदेश में कई नवाचार किए गए हैं जो आज देश में मिसाल बने हुए हैं। इसी में से एक है बूथ विस्तारक योजना। टीम वीडी के इस नवाचार को भाजपा पूरे देश में लागू करना चाहती है।
गोविंद बनाए जाएं नेता प्रतिपक्ष: नरोत्तम
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए नेता प्रतिपक्ष पद पर गोविंद सिंह की नियुक्ति की मांग की है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की सदन में कम उपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर कमलनाथ के पास समय का अभाव है तो वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह को यह जिम्मेदारी दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट सत्र तभी सार्थक होगा, जब जनहितैषी मुद्दों पर चर्चा हो। इस चर्चा से ही प्रदेश के विकास का रोड मैप तैयार होगा, जिसके चलते जरूरी है कि कमलनाथ सत्र में पूरा समय दे।
उनका कहना है कि सत्र नियम व परम्पराओं से चले, इसके लिए नेता प्रतिपक्ष की पूरे समय उपस्थिति जरूरी है। उधर, मीडिया से चर्चा में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा सत्र शांति से और पूरे समय चलाना चाहिए। सभी विषयों और मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा होना चाहिए। विपक्ष की बातों को गंभीरता से सुना जाए और सरकार उनके सभी सवालों का जवाब दे। गोमाता की मौतों, गोशालाओं की हालत, पेंशनर्स और किसानों के मुद्दों पर हम इस सत्र में चर्चा करेंगे।
कांग्रेस में अब मीडिया विभाग की बारी
प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी के बाद अब कांग्रेस के मीडिया विभाग की सर्जरी की चर्चा इन दिनों जोरों पर बनी हुई है। कहा जा रहा है कि इसके लिए पार्टी में मंथन का दौर जारी है। दरअसल, पार्टी के मीडिया विभाग की जम्बो टीम में इन दिनों करीब 100 पदाधिकारी हैं, लेकिन उनमें से चंद लोग ही सक्रिय हैं, बाकी सिर्फ पदों का बिल्ला ही लगाए घूमते रहते हैं। इसकी वजह से अब इस टीम का आकार कम किया जा रहा है। नई टीम में सक्रिय के साथ ही कुछ नए चेहरों को ही मौका दिया जाएगा।
प्रवक्ताओं का काम पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाने के साथ ही विभिन्न मंचों पर होने वाली चर्चा-परिचर्चा में भी भाग लेकर पार्टी का पक्ष रखना होता है। वहीं, विरोधी दल के तरफ से होने वाले प्रहार और आरोपों का जवाब भी देना इनकी जिम्मेदारी है, लेकिन इस मामले में ज्यादातर सक्रिय नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अगले साल होने वाले विधानसभा आम चुनाव को फोकस करते हुए काम कर रहे हैं। इसी के तहत पार्टी के विभिन्न विभागों में कसावट लाई जा रही है।
मंगुभाई के अभिभाषण का बहिष्कार
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण का बहिष्कार को लेकर प्रदेश सरकार के कबिना मंत्री और पूर्व कांग्रेसी नेता रह चुके राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि कांग्रेस में में गुटबाजी और कुर्सी की लड़ाई तेज हो गई है। उनका कहना है कि अब तो कांग्रेस नेताओं के बीच मौजूद गुटबाजी विधानसभा तक में भी दिखने लगी है।
यह आरोप उनके द्वारा कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण का बहिष्कार और कमल नाथ के बयान के बाद लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हालत यह है कि ये लोग सामने से नमस्कार और पीठ पीछे कुर्सी खींचने में लगे रहते हैं।
उधर, अभिभाषण के बहिष्कार के मामले में पटवारी के अलग- थलग पड़ने के बाद उनके सुर पूरी तरह से बदल चुके हैं। उन्हें न तो पार्टी का साथ मिला और न ही विधायक दल का। यही वजह है कि उनके द्वारा सुर बदल कर अब कहा जा रहा है कि मेरे नेता जो चाहते हैं वही मुझे करना चाहिए। मैं उनके अनुभव को चुनौती नहीं दे सकता, मैं तो उनके पैरों की धूल जैसा हूं।
करीब डेढ़ माह बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एक साथ मंच पर नजर आए हैं। इस दौरान मंच से दोनों ने उनके बीच मनमुटाव जैसी कोई बात नहीं होने का संदेश देने का पूरा प्रयास किया। यही नहीं, कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह ने मंच से कहा कि मीडिया उनके और कमलनाथ के बारे में जानबूझकर भ्रामक प्रचार करता है।
उन्होंने कहा कि उनका और कमलनाथ का पिछले चार दशक का साथ है और यह साथ आगे भी बना रहेगा। हम दोनों को कोई अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि उनके और कमलनाथ के बीच कुटता होने की झूठी अफवाह फैलाई जाती है। गौरतलब है कि इससे पहले गत 21 जनवरी को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सीएम हाउस के पास धरने पर बैठे थे, तब पूर्व सीएम कमलनाथ भी उनके साथ धरने पर बैठ गए थे।