देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रकरण पर उनका फोटो व कथित खबर को बायरल करने के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। रावत ने खुद इस बात की जानकारी दी है।
यही नहीं उनकी बेटी अनुपमा रावत की ओर से भी एक मामले में मुकदमा किया गया है, जिसमें यह गया है कि अनुपमा मुस्लिम वोटों से जीती है।
इन तमाम मुद्दों को लेकर हरीश रावत ने कहा हैं कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रसंग को मैं अपनी ओर से यहीं समाप्त करना चाहता हूं। एक बात स्पष्ट है कि कुछ ताकतें मुझको केवल मुस्लिम परस्त सिद्ध करना चाहती हैं और दूसरी बात यह भी सिद्ध है कि कुछ ताकतों को इस बार लगा कि कांग्रेस ने व्यूह रचना की है। उस व्यूह रचना में सफल होने जा रही हैं,तो उन ताकतों को यह लगा कि बिना कोई मुस्लिम अ खोजे उनकी नैया पार नहीं हो सकती है, इसलिए मुस्लिम अ उन्हीं का गढ़ा हुआ है, मैंने जो एफआईआर दर्ज करवाई हैं,उससे भी स्पष्ट है कि नकली अखबार और झूठा समाचार छपाकर किस प्रकार से उसको भाजपा के सोशल मीडिया के सिपाहियों से लेकर के उनके शीर्ष सिपाहियों ने भी उस अ का उपयोग हमारी व्यूह रचना को ध्वस्त करने और हरीश रावत की राजनीति ध्वस्त करने के लिए किया।
रावत ने कहा है कि वे राजनीति में जिंदा रहें या न रहें, इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन वे मानवता परस्त हैं। वे किसी जाति धर्म परस्त नहीं हैं और उनका धर्म,जिस पर उन्हें अटूट विश्वास है। वह भी वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है। उन्होंने कहा है कि अब वही ताकतें उनकी बेटी की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रही हैं। रावत ने बताया है कि उनकी बेटी ने भी एक एफआईआर दर्ज की है जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि किस तरीके से एक झूठा बयान गढ़ कर कहा जा रहा हैं, जिसमें अनुपमा की ओर से कहा जा रहा है कि वे केवल मुसलमानों के वोट से जीती हैं। रावत ने कहा है कि वह सर्व समाज के आशीर्वाद से जीती हुई बेटी है और हरिद्वार ग्रामीण के सर्व समाज ने उसे अपनी बेटी मानकर विधायक का दायित्व सौंपा है और वह उसको निष्ठा पूर्वक निभाएंगी इसका उन्हें पूरा भरोसा है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत आहत हैं।
चुनाव के दौरान उन पर विरोधियों ने कई तरह के आरोप लगाए। जिसमें एक मुद्दा था ‘मुस्लिम यूनिवर्सिटी’ का भी है, जिसमें कहा गया रावत ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही और यह कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बना। जबकि हकीकत में रावत की ओर से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया था। यह मुद्दा सहसपुर के एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने नाम वापसी के लिए कांग्रेस नेताओं को दिये गये अपने मांग पत्र में रखा था, लेकिन भाजपा ने इस मामले को लेकर हरीश रावत को पूरे चुनाव में निशाने पर रखा, जो अंतत: कांग्रेस की हार का कारण भी बना।
यही नही मुस्लिम यूनिवर्सिटी और तमाम दूसरे मुद्दों को लेकर विरोधियों ने हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत पर भी कई आरोप लगाए। हरीश रावत का कहना है कि ये सभी मुद्दे झूठ और उन्हें बदनाम करने की साजिश थी। जिसे लेकर अब उन्होंने एफआईआर दर्ज करायी है।