एक्जिट पोल : कांग्रेस को गोवा-मणिपुर खो जाने का डर
2017 में विस चुनाव में कांग्रेस इन राज्यों में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी पर सरकार बनाने में नाकाम हो गई थी
देहरादून। एक्जिट पोल के बाद बनी भ्रम की स्थिति और भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर के अनुमान के बीच कांग्रेस को 2022 में उत्तराखंड में गोवा और मणिपुर खो जाने का डर है। 2017 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इन दोनो राज्यों में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी लेकिन सरकार बनाने में नाकाम हो गई थी।
कांग्रेस को अंदेशा है कि अगर 2022 के विस चुनाव में उत्तराखंड में ऐसी स्थिति पैदा हुई को मुश्किल हो जाएगी। सूत्रों की मानें तो इसी अंदेशे के चलते कांग्रेस ने दीपेंद्र हुड्डा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विशेष पर्यवेक्षक बनाकर को उत्तराखंड का जिम्मा सौंपा है। मोहन प्रकाश को भी उत्तराखंड का जिम्मा दिया गया है।
हुड्डा मंगलवार को देहरादून पहुंच भी गए और राजपुर रोड स्थित एक होटल में उन्होंने एमबी पाटिल, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, सहप्रभारी राजेश धर्माणी व दीपिका पांडे सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, एआईसीसी सचिव जरिता लेतफलांग, पूर्व काबिना मंत्री यशपाल आर्य, आईटी राष्ट्रीय संयोजक सरल पटेल व अन्य के साथ बैठक की।
सूत्रों की मानें तो उनकी कांग्रेस नेताओं से मतदान के बाद उपजने वाले किसी भी किस्म राजनीतिक हालात के प्रबंधन को लेकर बात हुई। बता दें कि भाजपा नेता कांग्रेस के जिताऊ उम्मीदवारों के भाजपा के संपर्क में होने का दावा कर रहे हैं।
विधायकों को तोडऩे में माहिर माने जाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजय वर्गीय और पूर्व सीएम निशंक की मुलाकात और फिर भाजपा की बैठक के बाद कांग्रेस के कान खड़े हो गए हैं।
वैसे बता दें कि कांग्रेस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन और राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ को पंजाब की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके पहले कांग्रेस चुनाव बाद के हालात संभालने के लिए मणिपुर के लिए तीन पर्यवेक्षक टीए सिंह देव, विंसेंट पाल और मकुल वासनिक को पहले ही भेज चुकी है।
जयराम रमेश को भी मणिपुर का जिम्मा दिया गया है। पी चिदंबरम को गोवा,भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश और अजय माकन को पंजाब का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने अपने सभी पर्यवेक्षकों और प्रभारियों से कहा है वे नवनिर्वाचित विधायकों पर नजर रखें और केद्रीय नेतृत्व से जानकारियां साझा करते रहे। कर्नाटक के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को तीन दिन के लिए गोवा भेजा गया है।
यहां भी पिछली बार कांग्रेस सरकार बनाने में चूक गई थी। पर्यवेक्षकों के अलावा पार्टी के अन्य नेताओं को भी उन राज्यों में भेजा गया है जहां भाजपा से कांग्रेस की कांटे की टक्कर है और त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उपज सकती है।
उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है जनता ने कांग्रेस पर विश्वास जताया है और भाजपा के कुशासन से जनता त्रस्त हो चुकी है। उत्तराखंड में भाजपा का कोई भी प्लान सक्सेस नहीं होगा क्योंकि यहां सिर्फ प्लान कांग्रेस काम कर रहा है।
दीपेंद्र हुड्डा