सेना व अर्धसैनिक बलों के फर्जी पोस्टल मत निरस्त हो: गणेश गोदियाल
पोस्टल बैलेट की सूची में ऐसे सैनिकों के नाम जो या तो सेवा निवृत्त हो चुके हैं या लंबे अवकाश पर या दिवंगत
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने फर्जी सर्विस वोटर होने के गंभीर इलजाम लगाते हुए चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसे मत निरस्त किए जाएं। उन्होंने सर्विस मतदाताओं को जारी मतपत्रों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी पत्र भी भेजा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि विभिन्न जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जारी गये सर्विस मतदाताओं के पोस्टल बैलेट की सूची में ऐसे नाम विद्यमान हैं जो या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, या लम्बे अवकाश पर हैं अथवा दिवंगत हो चुके हैं।
इसी प्रकार का प्रकरण केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है जहां पर सर्विस मतदाताओं को पोस्टल डाक मतपत्रों की कुल संख्या 3187 है। इस सूची का निरीक्षण करने पर प्रथम दृष्टया लगभग 206 सर्विस मतदाता ऐसे पाये गये हैं जो अपनी सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं अथवा लंबे अवकाश पर चल रहे हैं या लम्बे अवकाश के दौरान अपने मतदान स्थल पर ईवीएम के द्वारा मतदान कर चुके हैं।
उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस महासचिव संगठन एवं वरिष्ठ प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व में ही आशंका व्यक्त करते हुए निर्वाचन आयोग से आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि डाक मतपत्रों के इस प्रमाणित दुरूपयोग से निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता एवं पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया पर बडा प्रश्न चिन्ह लगता है।
उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सेना व अर्धसैनिक बलों का मत) के प्रकरणों की शीघ्र निष्पक्ष जांच के उपरान्त इन मतों को निरस्त करते हुए निर्वाचन आयोग के नियमों के अन्तर्गत कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
सर्विस वोटरों के पोस्टल मतों प्रमाणित करने वाले का पद व रैंक ही नहीं लिखा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे एक अन्य पत्र में गणेश गोदियाल ने कहा कि निर्वाचन विभाग के निर्देशों के अनुरूप सर्विस वोटरों (सेना अर्धसैनिक बलों का मत) के माध्यम से आने वाले डाक मतपत्रों के प्रारूप13 (क) का अनुप्रमाणन किसी अनुप्रमाणन कर्ता अधिकारी द्वारा किया जाना है, परन्तु अनुप्रमाणन कर्ता अधिकारी के पद विधान (रैंक व डेजिगनेशन) के सम्बन्ध में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है।
उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रारूप 13 (क) के अनुप्रमाणनकर्ता अधिकारी के पदाविधान (रैंक व डेजिगेशन) के सम्बन्ध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये जांय।