रुड़की । जिला उपभोक्ता आयोग ने चिकित्सीय उपचार में लापरवाही के मामले में रुड़की के त्रिप्ता अस्पताल पर 27 लाख 47 हजार रुपये का हर्जाना ठोका है।
उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि आजादनगर रुड़की निवासी अनीस के गुर्दे में पथरी थी जिसके उपचार के लिए वह त्रिप्ता अस्पताल चिकित्सक डॉ अमित सिंह के पास गया तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड, हीमोग्लोबिन व यूरिन की पैथॉलॉजिकल जांच के बाद परामर्श दिया कि वे बीस हजार रुपये में दूरबीन विधि से पथरी का ऑपरेशन कर देंगे।
उन्होंने इसके लिए चार बार दुरबीन विधि से पथरी तोड़कर निकालने व पूरी तरह से ठीक करने का भरोसा दिया।जिसपर अनीस ने डॉ अमित सिंह को 20 अप्रैल सन 2020 में बीस हजार रुपये दे दिए और उपचार में अतिरिक्त रूप से 7 हजार रुपये यानि कुल 27 हजार रुपये खर्च हुए।
डॉ अमित सिंह द्वारा चार बार पथरी तोड़ने के प्रक्रिया पूरी करने के बाद 29 मई सन 2020 को बताया कि सारी पथरी निकाल दी गई है और वह अब पूरी तरह से ठीक हो गया है।
लेकिन जब अनीस के दर्द पहले की तरह ही बना रहा तो उसने अपना अल्ट्रासाउंड डॉ विपिन गुप्ता से 19 अगस्त सन 2020 को कराया ,जिसपर पता चला कि गुर्दे में पथरी मौजूद है।जिसकी जानकारी डॉ अमित को दी गई लेकिन वे अपनी बात पर अडिग रहे कि सारी पथरी निकल गई है।
उनकी सन्तुष्टि के लिए पुनः 3 सितंबर सन 2020 को अल्ट्रासाउंड कराया तो फिर से गुर्दे में पथरी होना पाया गया।जिससे साफ हो गया कि डॉ अमित सिंह द्वारा किए गए चार बार के दूरबीन विधि ऑपरेशन से पथरी निकली ही नही बल्कि उनके द्वारा पथरी निकाल दिए जाने की झूठी जानकारी मरीज को दी गई थी।
जिसपर पीड़ित उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग में 25 सिंतम्बर सन 2020 को शिकायत दर्ज कराई। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने पीड़ित उपभोक्ता व आरोपी चिकित्सक के पक्ष को विस्तार पूर्वक सुनने व दस्तावेज साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद अपने निर्णय आदेश में त्रिप्ता अस्पताल व उनके चिकित्सक डॉ अमित सिंह को चिकित्सा सेवाओ में लापरवाही के लिए दोषी मानते हुए अस्पताल को आदेशित किया कि वह एक माह के अंदर उपभोक्ता को उपचार खर्च 27 हजार रुपये मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ ही मानसिक, शारिरिक कष्ट के लिए 2 लाख रुपये, अधिवक्ता फीस के रूप में 20 हजार रुपये तथा विशेष हर्जे के रूप में 25 लाख रुपये यानि कुल 27 लाख 47 हजार रुपये के भुगतान का फैंसला सुनाया है।