राजभवन में मंगलवार से होगा वसंतोत्सव का आगाज

देहरादून । राजभवन में वसंतोत्सव का कर्टेन रेजर आयोजित किया गया। मीडिया को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इस वर्ष आठ तथा नौ मार्च से राजभवन में प्रारम्भ हो रहे वसंत उत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।इस अवसर पर सचिव डा. मीनाक्षी सुंदरम तथा निदेशक उद्यान डा.एच.एस.बवेजा भी उपस्थित थे।

दून की पहचान बन चुका वसन्तोत्सव

राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में 2003 से प्रारम्भ किया जाने वाला वंसत उत्सव, देहरादून की पहचान बन चुका है। पुष्प प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होकर अब एक बडे सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव में बदल चुका है। उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां एवं उपलब्ध जलवायु पुष्पोत्पादन के लिए उपयुक्त है।

कम क्षेत्रफल से अधिक आय प्राप्त होने के कारण कृषकों/उत्पादकों में इसके उत्पादन की अभिरुचि में वृद्धि हो रही है। प्रतिवर्ष राजभवन के प्रागंण में वसन्तोत्सव के आयोजन से पुष्पोत्पादन के क्षेत्र में जनसााारण एवं कृषकों में विशेष जागरूकता एवं अभिरूचि विकसित हुई है।

प्रदेश में पुष्प उत्पादन बढ़ा

उत्तराखण्ड राज्य के गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 15 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1609.93  हो गया है, जिसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगाां के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, गुलदाउदी, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यावसायिक उत्पादन किया जा रहा है।

वर्तमान में राज्य में लगभग 3022.90  टन लूज फ्लावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगाां एवं अन्य) तथा 14.43 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग 250 करोड़ रुपए के फूलों का व्यापार किया जा रहा है।

वसन्तोत्सव 2022 के मुख्य आकर्षण

वसन्तोत्सव मे इस बार विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इनमें कट फ्लावर, पटेड प्लान्टस प्रबनन,लूज फ्लावर प्रबनन, पुष्प के अतिरिक्त पटेड प्लान्टस, कैक्टस एवं सकुलेन्ट्स, हैंगिंग पटस, फूलों के गमले, अन द स्पट फोटोग्राफी, ताजे पुष्प दलों की रंगोली, खाने योग्य पुष्पों की प्रतियोगिता, विद्यालयी एवं अन्य बच्चों हेतु पेंटिंग प्रतियोगिता (05 से 18 वर्ष आयु वर्ग)।

यह सभी 12 मुख्य प्रतियोगिताओं की श्रेणी में कुल 51 उप श्रेणी हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जायेगें। इस प्रकार कुल 153 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त नौ मार्च को विजेताओं को प्रदान किये जाएंगे।

इस वर्ष यमुना तुलसी/कुण्ज को विशेष आवरण जारी किये जाने हेतु चयनित किया गया है, जिसका अनावरण डाक विभाग के सहयोग से आठ मार्च को बसन्तोत्सव के उद्घाटन अवसर पर किया जायेगा।

यमुना तुलसी एक बहुवर्षीय सुगनित पौधा है, जिसकी ऊॅचाई लगभग 1.5 मीटर होती है, इसकी शाखाए हरी या गहरे लाल, भूरे व बैंगनी रंग की होती हैं। यह  पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित धामों में बहुत ही पवित्र माना जाता है।

इस पौधे को यमुनोत्री  में देवी यमुना को अर्पित किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पहली बार गमलों की प्रतियोगिता को भी सम्मिलित किया गया है।
राज्य में स्थापित कृषि/औद्यानिक विश्वविद्यालयों के साथ-साथ केन्द्रीय संस्थाओं को भी आयोजन में प्रतिभाग करने हेतु आमन्त्रित किया जा रहा है।

पहली बार औद्यानिकी की नवीनतम तकनीक

राज्यपाल ने बताया कि इस वर्ष पहली बार औद्यानिकी से सम्बधित नवीनतम तकनीकी (वर्टिकल गार्डनिंग, हाइड्रोपोनिक व एरोपोनिक) का प्रदर्शन गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर एवं एफआरआई के मायम से किया जायेगा।

इस वर्ष पहली बार विभिन्न पुष्पों की उपयोगिता एवं विशेषताओं के सम्बन में क्या आप जानते हो शीर्षक के साथ काफी बुक टेबल तैयार की गयी है। इस वर्ष पहली बार प्रदर्शनी में पुष्पों की सजावट से राज्य पक्षी/पशु इत्यादि पीडब्लूडी, दिल्ली की तर्ज पर बनाये जा रहे हैं।

पुष्प व्यापार से जुड़े लोग भी आमंत्रित

वसन्तोत्सव में प्रख्यापित बुके निर्माताओं, माला तैयार करने वाले एवं पुष्पों से निर्मित अन्य वस्तुएं तैयार कर व्यापार करने वालों को भी आमन्त्रित किया जा रहा है। इस वर्ष पहली बार राजभवन प्रांगण के पृथक-पृथक स्थानां पर बांसुरी वादन एवं सैक्सोफोन की व्यवस्था संस्कृति विभाग द्वारा की जायेगी।

पांच चयनित कृषक होंगे पुरस्कृत

इस वर्ष पहली बार औद्यानिकी से सम्बनित विभिन्न गतिविाियों के अन्तर्गत उत्ष्ठ कार्य करने वाले पांच चयनित कृषकों/उत्पादकों को मोमेन्टो से पुरस्त करते हुए ब्राण्ड एम्बेसडर के रूप में सम्मानित किया जायेगा।
खाने योग्य पुष्पों यथा-गुलाब, गुडहल, रोडोडेन्ड्रन, स्ट्रॉबेरी ब्लसम इत्यादि की प्रतियोगिता वसन्तोत्सव में सम्मिलित की गई है। जनपद देहरादून में एक जनपद एक उत्पाद के अन्तर्गत बेकरी उत्पादों का चयन किये जाने के फलस्वरूप बेकरी उत्पादों हेतु उपयुक्त खाने योग्य फूलों को भी प्रतियोगिता में प्रथम बार सम्मिलित किया गया है।

राज्य के 3 विभाग करेंगे प्रतिभाग

इस दो दिवसीय आयोजन में राज्य के लगभग 3 विभागों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा, जिसमें उद्यान विभाग के अतिरिक्त विभिन्न शो संस्थान/कृषि विश्वविद्यालय/बोर्ड/निगम आदि प्रमुख होगें।उक्त के अतिरिक्त औद्यानिक यन्त्र, बायो फर्टिलाइजर, जैविक कीटव्यााि नियंत्रक उत्पादन करने वाली विभिन्न फर्मों को आमंत्रित किया गया है। 

सांस्कृतिक संया का विशेष आयोजन

संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा प्रथम दिवस आठ मार्च को सांय काल एक घण्टे का सांस्तिक सन्या का आयोजन किया जायेगा । भारतीय सैन्य संस्थान, इण्डो तिब्बत बार्डर पुलिस एवं पीएसी के बैंड आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेंगे। इस दो दिवसीय आयोजन में लोगों के खान-पान की सुविधा के लिए विभाग द्वारा गत वर्षों की भांति आईएचएम एवं जीआईएचएम एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा फूड कोर्ट में पैक्ड फूड की व्यवस्था की जायेगी तथा बैठने की व्यवस्था नहीं की जायेगी, हाईजीन एवं सैनिटेशन का विशेष यान रखा जायेगा।

सम्पूर्ण वसन्तोत्सव कार्यक्रम को पलीथीन मुक्त रखा जायेगा। दिव्यांग बच्चों हेतु राजभवन परिसर में 10 व्हील चेयर की व्यवस्था की जायेगी तथा राजभवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर थर्मल स्र्केनिग मशीन, मास्क एवं सैनेटाइजर की व्यवस्था की जायेगी। बिना मास्क वाले व्यक्तियों/आगंतुकों को राजभवन परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा।

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