हल्द्वानी। लालकुआं की विस की पिच पर भाजपा और कांग्रेस में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी देखने को मिल रही है। अपने पचास साल के राजनीतिक अनुभव को पूरी तरह से चुनाव मैदान में उड़ेल देने के बाद हरदा ने भाजपा के गढ़ में मोहनदा को हर और से तो घेरा,लेकिन मोहनदा ने भी यहां हरेक बूथ में जमकर यार्कर लेंथ और लाइन की गेंद फेंकी है। बूथवार मतदान इस बात की तस्दीक कर रहा है।
यहां सबसे ज्यादा मतदान कुष्ठ रोग आश्रम हाथीखाल के बूथ ने बनाया है। यहां 89.04 फीसदी मतदान हुआ है,जबकि सबसे कम राइंका लालकुआं के कक्ष संख्या एक के बूथ में 34.39 फीसद रिकार्ड किया है। तीन बूथों में 49 फीसदी से कम और छह बूथों में 59 फीसदी से कम मतदान हुआ है।
करीब 31 बूथों में 60 से 69 फीसद वोट पड़े हैं। 79 बूथों में सत्तर से 79 फीसद वोट बरसे हैं तो बीस बूथों में 80 फीसद से अधिक वोट बरसे हैं। करीब यही अधिक मतदान हरदा के चौके छक्के की कहानी गढ़ रहा है तो बरेली रोड से हल्दूचौड़ तक के बारे में कांग्रेस के लोग खुश नजर नहीं आ रहे हैं।
इससे यही लग रहा है कि मतगणना के दिन अंतिम राउंड तक हार और जीत को लेकर रोमांच बना रहने वाला है। हरदा और मोहनदा ने इसकी पूरी व्यवस्था की है। हां अगर भाजपा और कांग्रेस के नाराज नेताओं का असर चुनाव में रहा तो तब किसी एक के पक्ष में आंधी भी दिख सकती है।
विस चुनाव 2022 कई माइनों में याद रखा जाएगा। कांग्रेस के सेनापति हरीश रावत के लालकुआं से चुनाव लड़ने के कारण भाजपा ने उसको पूरी तरह से बांधने का काम किया। इससे कुमाऊं की छह से अधिक सीटों में भाजपा कांटे का मुकाबला बनाने में सफल रही है।
खुद यह स्वीकारोक्ति हरदा और भाजपा के दिग्गज भी कर चुके हैं। बूथ वार मतदान के ब्यौरे इस बार के संकेत कर रहे हैं कि इस बार लालकुआं नगर क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। यहां भाजपा बागी प्रत्याशी पवन चौहान ने भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया है तो गौलापार और चोरगलिया के कुछेक इलाकों में कांग्रेस बागी संध्या डालाकोटी ने भी हरदा को जरूरत से ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इस बात की तस्दीक डालाकोटी की पकड़ वाले बूथ कर रहे हैं। इन बूथों में वोटों की जमकर वारिश हुई है। इन इलाकों में अन्य इलाकों से अधिक का मतदान तो इस बात की ओर ही संकेत कर रहा है।
बूथवार डाटा के अनुसार राइंका लालकुआं कक्ष संख्या एक में 34.91 फीसद वोट पड़े हैं। राउमावि कार रोड बिंदुखत्ता में 39.39 तो राइंका कक्ष संख्या दो में 37.50 फीसद वोट पड़े हैं। 39 से लेकर 59 फीसदी तक आधे दर्ज बूथों में वोट पड़े हैं। इनमें राप्रावि लालकुआं कक्ष संख्या तीन 56.99, वन विश्राम भवन 57.26, राउमावि कक्ष संख्या दो 58.81, पंडित हरिदत्त पंत राप्रावि 52.88, सहकारी डेयरी 59.71, राइंका कक्ष संख्या दो में 55.17 फीसद वोट पड़े हैं। यह पूरा नगरीय इलाका है। यहां कम वोटिंग से यह साबित हुआ है कि लोग दिल खोलकर आगे नहीं आए। इस बार यहां करीब 31 बूथों में 59 से 69 फीसद वोट पड़े हैं।
पूर्व सैनिक कल्याण केंद्र डुंगरपुर 68.73, सामुदायिक भवन बमेठा बंगर 671. राप्रावि लालकुआं कक्ष संख्या एक 62.47, दो 65.33,तीन 67.41,अंबेडकर नगर वार्ड नंबर एक 68.46, राकंउप्रावि कक्ष संख्या एक 65.99 , कक्ष संख्या तीन 66.94, राप्रावि रेलवे 67.46, जउमाविवि कार रोड कक्ष संख्या एक 68.65, दो 69.12, शहीद जगत सिंह राउमाविवि घोड़ानाला कक्ष संख्या दो 65.73, राकउप्राविव लाखन मंडी कक्ष संख्या दो 69.33, राप्रावि चोरगलयिा कक्ष संख्या एक 64.43 फीसद वोट पड़े हैं।
इसके अलावा अन्य कुछेक बूथों में इसी तरह का ट्रेंड देखने को मिला है। यह ट्रेंड ज्यादातर नगरीय इलाके या फिर बरेली रोड से हल्दूचौंड़ तक इलाकों में दिखा है। यहां कभी भाजपा का मजबूत आधार होता था। इस बार भी भाजपा के नेता अपनी जीत का दावा इसी इलाके से कर रहे हैं।
70 से 79 तक राप्रावि हाथीखाल, राप्रावि मोटाहल्दू, राउप्रावि सूफी भगवानपुर, राकंउप्रावि मोटाहल्दू कक्ष संख्या तीन समेत 79 बूथ में पड़े हैं। इनमें आधे भाजपा के गढ़ तो इतने ही कांग्रेस के माने जा रहे हैं। भाजपा को बरेली रोड से लेकर हल्दूचौड़ तक के इलाके से बड़ी जीत की उम्मीद है।
यहीं कई बूथों में क्रिकेट का ट्वंटी ट्वंटी बूथ देखा गया है। बीस बूथ 80 से 89 फीसद वोट वाले हैं। इनमें कुष्ठ रोग आश्रम सरकारी भवन हाथीखाल, राकंउप्रावि हिम्मतपुर चौमवाल,राप्रावि हिम्मतपुर चौमवाल, राप्रावि जयपुर खीमा, राप्रावि जयपुर बीसा, राप्राविवि डुंगरपुर, राप्रावि हल्दूचौड़ परमा, एक्स पौनेन्शियल हाईस्कूल राजीव नगर, राप्रावि घोड़ानाला नवीन बिंदुखत्ता, शहीद नायक सुबेदार गोविंद सिंह पपौला राइंका बिंदुखेड़ा,आदर्श इंटर कालेज संजयनगर, अंबेडकर भवन सजंय नगर तीन बिदुंखत्ता,राप्रावि संजय नगर दो, बालिका इंटर कालेज तिवारी नगर, राप्रावि रावत नगर बिंदुखत्ता, राप्रावि चित्रकूट, राप्रावि शांतिनगर एवं राइंका दौलतपुर शामिल हैं।
इनमें भी कुछ कांग्रेस के तो कुछ भाजपा के गढ़ हैं। एक तरह से यहां भी दोनों में कांटे का मुकाबला दिख रहा है। इससे लग रहा है कि इस बार दस मार्च का मतगणना के दिन लालकुआं का सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला दिख सकता है। अभी कांग्रेस के लोग करीब पांच से दस हजार के बीच की जीत बता रहे हैं तो भाजपा के लोग पच्चीस हजार से ज्यादा मातों से जीत बता रहे हैं।
अब मतगणना के दिन वास्तविक तस्वीर साफ होगी। इस बार लालकुआं में शुरू से ही पूर्व सीएम हरीश रावत के हारने की हवा को तूल दिया गया तो कई भाजपा नेताओं ने मोहनदा के खिलाफ जमकर भीतरघात किया। मतदान के नजदीक आने तक भाजपा के कई नेता कांग्रेस में शामिल होने लगे। इससे मुकाबले को ज्यादा रोचक एवं धारदार बना दिया।