भाजपा की बैठक सात को, फिर न उठे भितरघात का सवाल

देहरादून। भाजपा ने सात मार्च को विधानसभा वार मतगणना की तैयारियों के लिए रणनीति बनाने के लिए सुभाष रोड स्थित एक होटल में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। पर भाजपा को आशंका है कि कहीं इस बैठक में विधानसभा प्रत्याशी फिर से भितरघात का सवाल न खड़ा कर दे।

प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री के अलावा इसमें सभी सांसद, प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, विधानसभा प्रत्याशी व सभी विधानसभा प्रभारी शामिल होंगे। सूत्रों के मानें तो इसी आशंका को देखते हुए भाजपा ने अपने प्रत्याशियों व नेताओं को बैठक एजेंडे के अलावा किसी अन्य विषय पर बयान न देने की ताकीद की है।

इस बैठक को पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी संबोधित करेंगे। मतगणना के दौरान हर टेबल पर भाजपा अपना एक-एक कार्यकर्ता तैनात करेगी। बैठक में पार्टी के सक्रिय और तेजतर्रार कार्यकर्ताओं के बारे में चर्चा होगी। इसके लिए बैठक में उपस्थित प्रत्याशियों व पार्टी पदाधिकारियों से भी सुझाव मांगे जाएंगे।

बता दें कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में चुनाव में भितर घात करने वालों के खिलाफ धावा बोला है। उन्होंने कहा कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की लिस्ट तैयार कर ली गई है।

शुक्रवार को विधायक कार्यालय में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भीतर घात को लेकर कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पर लगे आरोपों की जांच पार्टी हाई कमान कर रहा है। आरोप सिद्ध होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। उधर अब किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने देहरादून में भाजपा नेतृत्व के सामने पार्टीजनों की शिकायत कर एकाएक फिर से इस प्रकरण को सुर्खियों में ला दिया है। शुक्ला का आरोप है कि पार्टीजनों ने किच्छा में निर्दलियों का समर्थन किया।

हालांकि, उन्होंने किसी प्रत्याशी का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह बात साफ है कि भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ ने वाले अजय तिवारी ने ही पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। रदेश में चुनाव लड़ने के बाद से ही भाजपा के अंदरखाने जमकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। जिससे पार्टी के अंदर आने वाले सियासी तूफान कहा जा रहा है।

लक्सर विधायक संजय गुप्ता के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर उन्हें हराने का आरोप लगाने के गंभीर आरोप लगाने के बाद पार्टी के अंदर भितरघात को लेकर एक नई बहस छिड़ हुई है। इसका असर दूसरे विधायकों पर भी नजर आने लगा है।

अब किच्छा से विधायक राजेश शुक्ला ने अपने साथ षड़यंत्र होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों को पार्टी के ही कुछ बड़े नेताओं ने सपोर्ट किया है। इस बयान से एक बार फिर पार्टी के अंदर सियासी तूफान आना तय है।

राजेश शुक्ला ने पार्टी फोरम पर पूरा बात रखने की बात की है। हालांकि भाजपा हाईकमान ने किसी भी विधायक को इस तरह की बयानबाजी न करने की हिदायत दी थी। बावजूद इसके पार्टी के विधायक लगातार इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। जिससे पार्टी की छवि को असर पड़ना तय है।

राजेश शुक्ला 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव हरा चुके हैं। इस बार फि से वे चुनावी मैदान में हैं। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काफी करीबी माने जाते हैं। ऐसे में शुक्ला के बयान से पार्टी फिर से एक्शन लेने के लिए मजबूर हो सकती है। पार्टी के अंदरखाने भितरघात के आरोपों की जांच करने की बात की जा रही है।

खुलकर भले ही पार्टी के नेता इन प्रकरण पर कुछ भी कहने से बच रहे हों लेकिन अंदरखाने पार्टी को इसके नतीजे को लेकर भी डर सता रहा है।

6 विधायक लगा चुके हैं गंभीर आरोप

भाजपा में अब तक 6 विधायक अपने-अपने सीटों पर भितरघात का आरोप लगा चुके हैं। सबसे पहले लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही उनके खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।

इसके बाद चम्पावत के विधायक कैलाश और काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा भी अपनी-अपनी सीटों पर भितरघात के आरोप लगा चुके हैं। यमुनोत्री से विधायक केदार सिंह रावत भी अपना दर्द बयां कर रहे हैं।

केदार सिंह रावत ने जिला व प्रदेश स्तर के पांच पदाधिकारियों पर चुनाव के दौरान भितरघात का आरोप लगाया है। केदार सिंह रावत के बाद कैबिनेट मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल ने भी अपनी विधानसभा सीटों पर भितरघात के गंभीर आरोप लगाए हैं।

इसके बाद से भाजपा के अंदर खलबली मची हुई है। अब राजेश शुक्ला ने भितरघात का आरोप लगाया है।कांग्रेस में भी प्रदेश की चर्चित सीट में शामिल लालकुआं विधानसभा में भीतरघात को लेकर कांग्रेस ने तीन पदाधिकारियों को संगठन से बाहर कर दिया।

इन्हें छह साल के लिए निष्कासित किया गया है। ब्लाक अध्यक्ष की शिकायत और रिपोर्ट के आधार पर जिलाध्यक्ष ने कार्रवाई को संस्तुति दी।लालकुआं सीट पर इस बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव मैदान में उतरे थे। वह कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष भी हैं।

लालकुआं सीट पर टिकट के दो मुख्य दावेदार रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरेंद्र सिंह बोरा चुनाव में हरदा के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे थे। लेकिन टिकट कटने से नाराज पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी निर्दलीय चुनाव लड़ा। वहीं, ब्लाक अध्यक्ष नीरज रौल ने बताया कि पार्टी के कुछ पदाधिकारी चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार हरीश रावत के लिए दुष्प्रचार करते नजर आए।

इसमें जिला संगठन मंत्री मनोज पौडियाल, जिला उपाध्यक्ष भूपाल सिंह सम्मान और न्याय पंचायत अध्यक्ष भगवान सिंह सम्मल शामिल थे। वहीं, जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने बताया कि तीनों को निष्कासित कर दिया गया है।रामनगर में शादी समारोह में शामिल होने जा रहे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत कुछ समय यहां रुके थे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाने जा रही है। यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल नहीं हैं। उन्होंने विधायक का चुनाव भी नहीं लड़ा है।

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