भाजपा आलाकमान बोला, अपनी जबान बंद रखें उम्मीदवार

भाजपा उम्मीदवारों को बयानबाजी न करने की कड़ी चेतावनी

देहरादून। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड में पार्टी के नेताओं, खासकर विधानसभा चुनाव लड़ने वालों को पार्टी के खिलाफ न बोलने की कड़ी चेतावनी दी है। बता दें कि 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद भाजपा के कम सेकम छह उम्मीदवारों ने पार्टी के नेताओं पर ही भितरघात के इलजाम लगाए हैं। यहां तक कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और एक पूर्व सीएम व संगठन के पदाधिकारियों पर भी भितरघात के इलजाम लगाए जा रहे हैं। इसी को देखते हुए भाजपा आलाकमान ने उम्मीदवारों को चेतावनी जारी की है। बताया जा रहा है कि इन आरोपों से भाजपा को उत्तर प्रदेश में फर्क पड़ रहा है इसलिए उम्मीदवारों को चेतावनी जारी की गई है।

संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला था

बता दें कि मतदान खत्म होने के ठीक बाद लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने मदन कौशिक पर बसपा प्रत्याशी की मदद करने न तमाम आरोप लगाते हुए उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की थी। उसके बाद चंपावत से विधायक व उम्मीदवार कैलाश गहतोड़ा, देहरादून र्केट से पूर्व विधायक स्व. हरबंस कपूर की उम्मीदवार पत्नी सविता कपूर ने भी पार्टी के नेताओं पर उन्हें हराने की कोशिश के आरोप लगाए।

यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने तो कहा कि संगठन में प्रमुख पद पर बैठे व्यक्ति ने उन्हें हराने के लिए निर्दल संजय डोभाल की मदद की। पार्टी कहेगी तो वह नाम का खुलासा करेंगे। काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी भितरघात का राग गाया। काशीपुर से भाजपा ने उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिया है। वहीं कैबिनेट मंत्री व डीडीहाट के प्रत्याशी बिशन सिंह चुफाल ने भी इलजाम लगाया कि उनकी ही नहीं कई और सीटों पर भितरघात किया। उनका इशारा एक पूर्व सीएम की ओर था।

सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी भितरघात की आशंका

वहीं बताया जाता है सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी भितरघात की आशंका है उनका शक पार्टी के कुछ बड़े नेताओं व सीएम की कुर्सी के तलबगारों की ओर है और वह इसकी शिकायत भाजपा आलाकमान से कर चुके हैं। बहरहाल, भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि अब से कोई भी उत्तराखंड राज्य नेतृत्व के खिलाफ चुनाव में तोड़-फोड़ करने या पार्टी लाइन के विपरीत कुछ भी नहीं बोलेगा।

भाजपा के कुछ उम्मीदवारों ने राज्य नेतृत्व के खिलाफ बात की है और उन पर उनके अभियान और चुनावी संभावनाओं को खराब करने का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड भाजपा नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी पर ध्यान दिया है और उन्हें (उम्मीदवारों को) बोलते समय अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की सलाह दी है। उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि प्रदेश नेतृत्व या पार्टी लाइन के खिलाफ बोलना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी

केंद्रीय नेतृत्व की चेतावनी उन उत्तराखंड भाजपा नेताओं पर भी लागू होती है, जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है। उन्होंने कहा, सलाह या चेतावनी, आप जो भी कहें, वह राज्य इकाई में सभी पर लागू होती है और संदेश बहुत स्पष्ट है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मौजूदा विधायकों समेत बीजेपी के करीब चार उम्मीदवारों ने पार्टी के प्रदेश नेताओं पर अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों की मदद करने का आरोप लगाया। उनमें से कुछ ने आरोप लगाया कि या तो राज्य के नेताओं ने पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया है या प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों की मदद की है। जबकि अन्य ने स्थानीय जिला और ब्लक इकाइयों पर हाल ही में हुए मतदान के दौरान उनका समर्थन नहीं करने का आरोप लगाया।

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