अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा काव्य गोष्ठी ने किया भाषा दिवस के अवसर पर भाषा परिचर्चा तथा साहित्य का समागम

लक्ष्मी शर्मा

सिलीगुड़ी । अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस के अवसर पर सिलीगुड़ी की अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा काव्य गोष्ठी ने भाषा को लेकर वर्तमान परिस्थिति में हो रही विभिन्न तरह की परिचर्चा करते हुए भाषाओं का सम्मान करने के लिए तथा हर भाषा के साहित्य की चर्चा के लिए एक वृहद समागम का आयोजन किया।

इस अवसर पर देश के विख्यात कवि तथा लेखक करण सिंह जैन,गायक और लेखक रवि जैन तथा बिहार के रहने वाले साहित्य व्यक्तित्व के रूप में तथा लेखक के रूप में सुशील कुमार जिन्हें दीपक सोनी के रूप में भी जाना जाता है ,मुख्य रूप से आमंत्रित इस अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा काव्य गोष्ठी के भाषा दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित थे।

वही साहित्य के मंच पर अपनी एक अलग पहचान रखने वाली कई किताबों की रचना करने वाली बबीता अग्रवाल डॉ वंदना गुप्ता तथा साहित्यकार अर्चना शर्मा लेखिका किरण अग्रवाल निशा गुप्ता ,अरुण गुप्ता इन सभी ने सिलीगुड़ी में सिर्फ बंगाल को लेकर ही नहीं बल्कि पूरे देश की भाषा के साहित्य की चर्चा की करण सिंह जैन ने कहा कि मात्रिभाषा हमारा परिचय है हमारी पहचान है और इसे बचाए रखना इस के साहित्य को आगे से आगे ले जाना हमारा प्रमुख काम है।

वही बबीता अग्रवाल ने जो लंबे समय से अपनी लेखनी के साथ-साथ समाजसेवा से भी जुड़ी हुई हैं उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को हमें उनके अस्तित्व से उनके साहित्य से उनके भाषाओं से जोड़े रखना है। अंतराष्ट्रीय मात्रिभाषा काव्य गोष्ठी पूरे देश को लेकर संगठित एक साहित्यिक संस्था है। जो अपने में हर भाषा की लेखनी को कबिताओ को कहानियों को सजोए हुए है। पूरे साल लगातार इस संस्था के कार्यक्रम आयोजित होते रहते है।

बिहार से आए हुए लेखक और कवि सुशील कुमार ने बताया की हमेशा ही साहित्य चर्चा को लेकर मेरा आना होता है। हमारी कोशिश है की भाषा का उच्च स्तर पर विकाश हो। रबी जैन ने इस काव्य गोष्ठी में अपनी गायकी से कविताओं से एक शमा बांध दिया।

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