सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी बना रहे अपनी-अपनी सरकार
कार्यालयों में कामकाज के साथ चुनाव के परिणामों को लेकर भी चल रहा गुणा भाग
- काम के लिए आ रहे लोगों से उनके क्षेत्रों के रूझान को लेकर भी हो रही चर्चाएं
देहरादून। उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के मतदान हो चुके है। इस बार का मतदान लगभग 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह रहा। मतदान में लगे कार्मिक रिलीव होकर कार्यालयों में पहुंच गए है।
कार्यालयों में चुनाव की तैयारियों के चलते बंद हो चुकी लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है। इसके सबसे बावजूद सरकारी कार्यालयों में समय मिलते ही चुनाव परिणाम को लेकर चर्चा करने से कर्मचारी नहीं चूक रहे।
कार्यालय में आने वाले व्यक्तियों से उनके क्षेत्र से किस तरह के रूझान आ रहे इसको लेकर कर्मचारी अपनी—अपनी पंसद की सरकार बना रहे है। इसमें कोई कांग्रेस को सत्ता में दिखा रहा है, तो कोई भाजपा को फिर सत्ता में देख रहा है।
विधानसभा चुनाव की खुमारी अब भी सरकारी कार्यालयों में बनी हुई है। मतदान समाप्ति के बाद कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से रिलीव होकर अपने विभागों में पहुंच गए है। सरकारी कार्यालयों में चुनाव के दौरान बंद हो चुकी लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है।
अधिकारी कार्यालय में पहुंचकर चुनाव के चलते लंबित पड़े कामों को निपटा रहे है। इस सबके बीच अब मतगणना के परिणामों पर सबकी नजर टिकी हुई है। कार्यालयों में चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी अपनी-अपनी विधानसभाओं में हुए मतदान और राजनैतिक दलों की स्थिति को देखकर गुणा भाग में लगे हुए है।
कार्यालय में आने वाले लोगों से भी मतदान को लेकर चर्चा की जा रही है। लोगों से उनके क्षेत्रों में क्या रहा, किस का पलड़ा भारी इन सब पर चर्चा हो रही है। ऐसे में लोगों की फीडबैक लेकर कर्मचारी अपनी-अपनी सरकार बना रहा है। जिसमें कुछ कर्मचारी कांग्रेस को सत्ता में देख रहे है, तो कुछ कर्मचारी भाजपा को दोबार सत्ता में लौटा रहे है।
इसमें अगर प्रदेश की विभिन्न विधानसभाओं की बात करें, तो कर्मचारियों की नजर लालकुंआ और खटीमा से चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और मुख्यमंत्री धामी की सीट पर ज्यादा लगी हुई है। हर कोई उनकी जीत-हार का गणित लगा रहा है। वहीं, देहरादून जनपद की दस विधानसभाओं में भी कर्मचारी वर्ग फिफ्टी-फिफ्टी मान रहा है।