सुबह की सार्वजनिक चाय के साथ ही रात तक हो रही चुनावी चर्चा

बूथ के आंकड़ों में ही उलझा पार्टी के हार जीत का गणित

बागेश्वर । मतदान संपन्न हुए तीन दिन बीत चुके हैं परंतु चाय की दुकान या फिर किसी कार्यालय के बाहर अब भी हर कोई कौन जीतेगा तथा कौन सरकार बनाएगा विषय पर अब भी चर्चाएं हैं। इस बार कोई भी नतीजे पर नहीं पहुंच रहा है। वहीं प्रत्याशी व उनके समर्थक बूथ के आंकड़ो में ही उलझ कर रह गया है।
प्रदेश में चुनाव संपन्न हुए तीन दिन बीत चुके हैं। ईवीएम स्ट्रांग रूम में सील हो चुकी हैं। परंतु अब भी अधिकांश स्थानों में चुनावों की गणित लगाते लोग दिखाई दे रहे हैं। चुनावी परिणाम पर भी चर्चा के अलग अलग रूप हैं कहीं पर चर्चा के दौरान दो पक्ष एक पार्टी का नाम लेकर जीत सुनिश्चित करने की बात कहकर चर्चा समाप्त कर रहे हैं तो कई स्थानों पर यह गणित घंटों की चर्चा कर रहे हैं।

वहीं पार्टी के प्रबल व सक्रिय समर्थक तो विभिन्न स्थानों से आ रहे बूथ वार आंकडों पर चर्चा के साथ ही डायरी पर धनात्मक व ऋणात्मक आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हैं। इसके बाद अपनी जीत सुनिश्चित कर रहे हैं।

 जो तीन दिन पहले अलग अलग थे वो अब हुए साथ

चुनाव से पूर्व एक दूसरे से बहस करने वाले कई युवा चुनाव बाद एक साथ घूमते नजर आए। चुनाव पूर्व विभिन्न दलों के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर एक दूसरे की पोस्ट में विरोधात्मक टिप्पणी कर रहे थे वो आज एक साथ बैठकर चाय की चुस्की पर आंकड़ों पर चर्चा व हंसी ठिठोली करते नजर आ रहे हैं। जो कि राजनीति के क्षेत्र में अच्छा है।

 कई स्थानों पर लगने लगी शर्त

चुनाव परिणाम पर चर्चा के दौरान भाजपा व कांग्रेस के समर्थक जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं। कई स्थानों पर अलग-अलग दलों से वास्ता रखने वाले मित्र अपने दल की जीत के दावे के साथ ही शर्त भी लगा रहे हैं तथा किसी तीसरे व्यक्ति के पास पैसे जमा कर रहे हैं। नगर में चर्चा है कि कई लोगों ने कांग्रेस व भाजपा के बीच हार जीत को लेकर हजारों रुपयों तक की शर्त लगाई है तथा इस पैसे को तीसरी पार्टी के पास जमा किया है।

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