देहरादून। विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे राष्ट्रीय व अन्य दल मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। हर दल अपने पक्ष में वोट को खींचने के लिए उनके स्टार प्रचारक प्रदेश में जनसभा कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं।
भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित अन्य दल जनसभाओं के माध्यम से मतदाताओं को रिझाने के लिए लोक लुभावने वादे कर रहे हैं। चुनाव में लोक लुभावने वायदों से ये दल मतदाताओं को रिझाने में कितना सफल होते है। यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा कि किस दल के वायदों को जनता ने गंभीरता से लिया है या किनके वायदों को जनता नकारती है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है। प्रदेश की 7 0 विधानसभा सीटों में विभिन्न दलों के 632 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किश्मत आजमा रहे हैं। प्रदेश के 82 लाख 66 हजार 644 मतदाता चुनाव मैदान में खडे़ इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंंगे।
भाजपा, कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी, बसपा, सपा और अन्य दलों के प्रत्याशी अपनी किश्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए उत्तराखंड चुनाव सबसे अधिक चुनौती बना हुआ है। क्योंकि हर पांच साल पर सत्ता बदलने की रिवायत दो दशक से चली आ रही है।
उत्तराखंड में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस को 11 सीटें मिली थी। पहली बार आम आदमी पार्टी भी उत्तराखंड में सियासी जमीन तलाश रही हैं।
भाजपा को जहां इस चुनाव में सत्ता पर बने रहना है, वहीं कांग्रेस को सत्ता में वापसी करने की भरसक प्रयास कर रही है। मतदान के लिए दो दिन ही बचे हैं। ऐसे में भाजपा व कांग्रेस को अपने प्रत्याशियों को चुनाव में विजयी बनाने के लिए स्टार प्रचार प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में जनसभा कर अपने-अपने के पक्ष में वोट जुटाने के लिए मतदाताओं को पूरे दमखम से रिझाने में जुटे हुए हैं।
अपने चुनावी जनसभाओं में प्रदेश की जनता को हर प्रकार की सुविधा देने के लिए कई वायदे कर रहे हैं। जहां भाजपा गरीबों को हर साल तीन एलपीजी सिलेंडर मुफ्त देने, बारह हजार किसान सम्मान निधि, हर जिले में मेडिकल कालेज, सशक्त भू कानून, परिवार की महिला मुखिया को दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि, लव जिहाद के कानून में संशोधन कर उसे कठोर बनाने सहित कई वायदे कर रही हैं, वहीं कांग्रेस ने मतदाताओं को लुभाने के लिए चार धाम चार काम के तहत चार लाख युवाओं को रोजगार, गैंस की कीमत 500 रूपये से अधिक न करने, पांच लाख परिवारों को सलाना 4 हजार रुपये देने और हर गांव, हर द्वार स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने आदि वायदे किए हैं।
जबकि आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की जनता को हर माह 300 युनिट मुफ्त बिजली, हर घर को रोजगार-तब तक हर माह पांच हजार, 10 साल से ऊपर हर महिला को हर माह एक हजार, पूर्व सैनिकों को सरकारी रोजगार जैसे कई दावे कर मतदाताओं को अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रही है।
राजनीतिक दलों के ये लोक लुभावने वायदे मतदाताओं को अपनी ओर प्रभावित कर पाते हैं या नहीं, जनता किस दल के वायदों को अपने जहन में उतारती है। असली में इसका पता चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा। फिल्हाल सभी राजनीतिक दल वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी तरह से जुटी हुई है।