उत्तराखंड में 10 साल में बढ़े 19 लाख मतदाता, मैदान में अप्रत्याशित वृद्धि

देहरादून। उत्तराखंड में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले एक दशक में राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर मतदाताओं की संख्या में 30 फीसद बढ़ोत्तरी हुई है। इनमें भी मैदानी जिलों की सीटों पर वोटरों की बढ़ोत्तरी अप्रत्याशित है। वर्ष 2012 से 2022 में प्रदेश में 19 लाख मतदाता बढ़े।

जबकि इससे पहले के दशक यानी 2002 से 2012 में राज्य में 20 प्रतिशत मतदाता बढ़े थे। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एसडीसी फाउंडेशन द्वारा जारी डेमोग्राफिक चेंजेज डिस्ट्रिक्ट अपडेट एंड कंसीटवेंसी नंबर्स रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार राज्य में बड़ी संख्या में पलायन हो रहा है। वहीं पलायन आयोग की रिपोर्ट भी कहती है कि एक जनपद से दूसरे जनपद में पलायन करने वालों की संख्या भी काफी ज्यादा है।

मैदानी क्षेत्रों में मतदाताओं की बढ़ती संख्या इशारा करती है कि पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन की तुलना में संभवत: दूसरे राज्यों के भी काफी लोग राज्य में आकर बसे हैं। मैदानी क्षेत्रों में बसने वाले इन लोगों की संख्या अधिक है। यह बेहद गंभीर मसला है।

यह कहीं न कहीं उत्तराखंड और उत्तराखंडियत पर भी सवालिया निशान है। सरकार, प्रशासन और पुलिस को इस पर ओर ध्यान देना चाहिए। अनूप कहते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोगों के उत्तराखंड में बसने से इस राज्य के सांस्कृतिक स्वरूप पर तो असर पड़ेगा ही, साथ ही जिन शहरों में इतनी बड़ी संख्या में लोग बस रहे हैं उन पर भी दबाव बढ़ेगा।

क्योंकि राज्य के ज्यादातर शहर पहले से ही क्षमता से ज्यादा बोझ झेल रहे हैं। इससे नागरिक सुविधाओं की कमी लगातार बढ़ रही है। कहा कि विस चुनाव के बाद मतदाताओं की इस अप्रत्याशित वृद्धि के गंभीर मुद्दों को राज्य सरकार के साथ ही प्रशासन, पुलिस व अन्य एजेंसियों के साथ साझा करेंगे। सामाजिक संगठनों से भी इस मुद्दे पर सहयोग मांगा जाएगा।

मैदान की 10 विस सीटों पर 72 फीसद वोटर बढ़े

एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक जिन विस सीटों पर मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा बढ़े है वे मैदानी क्षेत्र में हैं। देहरादून की धर्मपुर विस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता बढ़े हैं। पिछले दस साल में इस सीट में मतदाताओं की संख्या में 72 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।

धर्मपुर के अलावा रुद्रपुर, डोईवाला, सहसपुर, कालाढूंगी, काशीपुर, रायपुर, किच्छा, भेल रानीपुर और ऋषिकेश टॉप टेन विस क्षेत्र हैं जहां पर मतदाताओं की संख्या 41 से 72 फीसद तक बढ़ी है।

अनूप नौटियाल बताते हैं कि चुनाव आयोग के आंकड़ा का विश्लेषण करने के बाद मालूम पड$ता है की तीसरे विधानसभा चुनाव में राज्य में 63,77,330 मतदाता थे, यह संख्या अब बढक़र 82,66,644 हो गई है।
यानी इस एक दशक में राज्य में 18,89,314 वोटर बढ़े हैं। चार मैदानी जिलों की 36 सीटों पर इस दौरान 37 प्रतिशत मतदाता बढ़े हैं। सबसे ज्यादा 43 प्रतिशत मतदाता ऊधमसिंह नगर जिले में बढ़े हैं।

वहीं पर्वतीय जिलों की 34 विस सीटों पर पिछले दस वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 2 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। सबसे कम 13 प्रतिशत मतदाता अल्मोड़ा जिले में बढ़े हैं। यहां की सल्ट विस सीट पर सिर्फ आठ प्रतिशत मतदाता बढ़े हैं। 2,07,718 वोटर के साथ देहरादून की धर्मपुर विस राज्य की सबसे बड़ी विस सीट है।

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