देहरादून। कैंट के सियासी संग्राम में देखा जा रहा है कि भाजपा व कांग्रेस दोनों ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। पर अंदरखाने सियासी समीकरण बदले हुए हैं और मतदाता खामोश हैं।
पिछले लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय रहे भाजपाइयों में टिकट नहीं मिलने से नाराजगी है। यह कहीं न कहीं भितरघात की ओर इशारा करता है। एंटी इन्कंबेसी फैक्टर भी क्षेत्र में हावी है। यही नहीं भाजपा के कैडर वोट का कुछ हिस्सा निर्दलीय दिनेश रावत के साथ भी खुलकर खड़ा है।
ऐसे में भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर की राह इतनी आसान नहीं है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सूर्यकांत धस्माना को अपनों से ही चुनौती मिल रही है। पार्टी का पूरा साथ भी उन्हें मिल नहीं रहा है। राज्य आंदोलन से जुड़ी छवि भी उनका पीछा छोड़ नहीं रही है।
इससे पर्वतीय मूल के मतदाताओं को अपने पक्ष में खड़ा करने की चुनौती धस्माना के सामने बनी हुई है। क्योंकि इस वर्ग के मतदाताओं पर उक्रांद के प्रत्याशी अनिरूद्ध काला, निर्दलीय दिनेश रावत व गीता चंदोला भी पूरी तरह डोरा डाले हुए हैं।