उत्तराखंड विधानसभा चुनाव2022 :मतदान में महिलाएं आगे, टिकट पाने में पीछे

महिलाओं को टिकट देने में हर राजनीतिक दल ने की है कंजूसी

  • 7 0 सीटों पर 632 प्रत्याशियों में से सिर्फ 62 महिलाएं मैदान में

देहरादून । राजनीति में आधी आबादी यानी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ नहीं रहा है। आखिर बढ़े भी तो कैसे। क्योंकि राजनीतिक दल महिलाओं को टिकट देने में हमेशा से कंजूसी करते आए हैं।

पिछले चुनावों की तरह इस बार के विस चुनाव में भी सभी दलों ने कम संख्या में महिलाओं  को टिकट देकर मैदान में उतारा है। नारी हूं लड़ सकती हूं का नारा देने वाली कांग्रेस ने भी कुल प्रत्याशियों में से सिर्फ सात फीसद महिलाओं को टिकट दिया है।

भाजपा व आम आदमी पार्टी का हाल भी लगभग ऐसा ही है। इतना जरूर कि महिलाओं को टिकट देने में क्षेत्रीय दल उक्रांद अन्य दलों पर भारी साबित हुआ है। यूकेडी ने 14 फीसद महिलाओं को टिकट दिया है।
लोकतंत्र के पर्व में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की भागीदारी अधिक रहती है। पिछले सालों के चुनाव में हुए मतदान का आंकड़ा भी बताता है कि अधिकांश क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा है।

कुछ सीटों पर तो पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या भी अधिक है। पर बात जब राजनीति में महिला प्रतिनिधित्व की आती है तो सियासी दल कदम पीछे खीच लेते हैं। क्योंकि चुनाव लडऩे के लिए टिकट हासिल करने में हमेशा पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है।

ऐसे में कई मर्तबा राजनीति में आधी आबादी को पचास फीसद आरक्षण देने की बात उठ चुकी है। इस बार राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 632 प्रत्याशी मैदान में उतरे हुए हैं। इनमें महिला प्रत्याशियों की संख्या महज 10 प्रतिशत यानी 62 महिलाएं हैं। इनमें भी 18 महिलाएं निर्दलीय हैं।

पार्टी महिला प्रत्याशी
भाजपा -8
कांग्रेस -5
आप -7
यूकेडी- 6
सपा-6
बसपा-3
अन्य-9
निर्दलीय-18

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