भाजपा: चुनावी वादे कुछ पूरे कुछ अधूरे
गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का वादा पूरा कर दिया गया है
- -100 दिन में लोकायुक्त लाने का वादा, पर विधेयक विस की प्रवर समिति के पास पड़ा
देहरादून। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को करीब दस दिन शेष हैं। जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र यानी दृष्टि पत्र जारी होना है । ऐसे में यह देखना भी जरूरी है कि सत्ताधारी भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जनता से जो वादे किए थे उन पर उसकी सरकार में कितना अमल हुआ।
हालांकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक का दावा है कि पार्टी की 85 फीसद घोषणाए पूरी हो गई हैं और पार्टी अपने दृष्टि पत्र के साथ जनता के सामने 2017 के वादों पर अमल का रिपोर्ट कार्ड भी पेश करेगी लेकिन भाजपा के 2017 के दृष्टि पत्र पर दृष्टि डालें तो कुछ वादे पूरे किए गए पर कुछ वादे अभी तक अधूरे ही पड़े हैं।
भाजपा ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी जो कि पूरी कर दी गई है। पहले उन वादों की बात जो अब तक अधूरे हैं। भाजपा ने तब दृष्टिपत्र में भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए 100 दिन में लोकायुक्त लाने की बात कही थी।
विधानसभा में इसके लिए विधेयक लाया भी गया मगर सत्ता पक्ष के विधायक ही उस पर सहमत नहीं हुए। नतीजतन विधेयक प्रवर समिति के ठंडे बस्ते में पड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि जब इसे लेकर सवाल उठे तो पार्टी ने तर्क दिया कि प्रदेश सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है इसलिए लोकायुक्त की जरूरत नहीं।
भाजपा ने सरकार के खाली और पदोन्नति के पदों को छह माह में भरने की बात कही थी लेकिन सरकार ने करीब पांच-छह हजार पद ही सीज कर दिए इसी तरह शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों के पद भरे मान लिए हालांकि इससे साढ़े तीन हजार गेस्ट टीचरों की नौकरी बची मगर नियमित पदों पर नियुक्ति की उम्मीद खत्म हो गई ।विभागों में भर्ती के लिए केवल चुनावी साल में कोशिश की गई जो परवान नहीं चढ़ सकी।
एक वादा था गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क लैपटॉप या स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे परसरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए छात्रों के खाते में सीधे पैसा डालने का फैसला लिया पर आचार संहिता लागू होने के बाद मामला लटक सा गया है। हर जिले में छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय खोलने का वादा केवल घोषणा तक ही सीमित रह गया।
विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा भी बहुत से विवि के छात्रों को उपलब्ध नहीं हो पाई। गढवाल और कुमाऊं में ट्रामा सेंटर की घोषणा पर प्रभावी ढंग से अमल नहीं हो पाया। पहले से स्थापित ट्रामा सेंटरों की भी हालत खराब है। पर्यटन गाइड के लिए प्रशिक्षण केंद्र की घोषणा भी केवल कागजों में चलती रही।
भाजपा का वादा था कि 2019 तकसभी गांवों को सड़कों से जोड़ा जाएगा पर तीन साल अधिक हो जाने पर भी सैकड़ों गांवों जो सड$कों से नहीं जोड़ा जा सका। युवा नीति भी केवल कागजों में ही रह गई।
ये वादे भी न हुए पूरे
- महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम को फास्ट ट्रैक कोर्ट
- एससी व एसटी के बैक लॉग के पदों को प्राथमिकता से भरेंगे
- महिला स्वरोजगार को 20 करोड़ का सामाजिक सुरक्षा कोष
- व्यापारियों के हित में व्यापार कल्याण बोर्ड बनेगा
- असंगठित क्षेत्र के लिए दीन दयाल सुरक्षा बीमा योजना
- आर्थिक अपराधों के लिए विशेष न्यायालयों का गठन
- भ्रष्टाचार रोकने के लिए एंटी करप्शन सेल
- कर्मचारियों के मसलों के समाधान को शिकायत प्रकोष्ठ
- दुर्गम क्षेत्रों में सेवारत शिक्षक-कर्मचारियों को दुर्गम भत्ता
तो सात फरवरी को जारी होगा भाजपा का घोषणा पत्र
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी सात फरवरी को अपनी चुनाव घोषणा पत्र यानी दृष्टि पत्र जारी कर सकती है। पहले इसे दो फरवरी फिर तीन फरवरी को जारी करने के कयास थे।
माना जा रहा है कि दृष्टि पत्र का ऐलान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र के वादों को देखने के लिए रोका गया है ताकि उनके वादों के मुताबिक दृष्टिपत्र में बदलाव किया जा सके। बता दें कि कांग्रेस दो फरवरी को अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर चुकी है।
जबकि आम आदमी पार्टी आठ फरवरी को अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि कहीं भाजपा नौ फरवरी को अपना दृष्टि पत्र जारी कर सकती है। इस दृष्टि पत्र में प्रदेश भाजपा सरकार के पांच साल में किए गए कामों के अलावा अगले 5 साल के वादे शामिल होंगे। सूत्रों की मानें तो भाजपा अगले 13 साल यानी 2025 तक के विकास का ब्लूप्रिंट सामने ला सकती है।