नयी दिल्ली। सरकार ने देश भर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर आज जोर देते हुए कहा कि जिसके तहत प्रथम चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े कॉरिडोर में इस योजना को लागू किया जायेगा ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश वर्ष 2022..23 के आम बजट में कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती को बढावा देने के लिए इसके प्रथम चरण में गंगा नदी के किनारे के पांच किलोमीटर के चौड़े कारिडोर में स्थित किसानों की भूमि पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फसल आकलन, भूमि रिकॉर्डों के डिजिटलीकरण, और कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के कृषि से जुड़े र्स्टटअप को नाबार्ड से वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी ।
वित्त मंत्री ने कहा कि तिलहन आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एक तर्कसंगत एवं व्यापक योजना लागू की जाएगी, ताकि देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष’ घोषित किए जाने को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कटाई उपरांत मूल्यवर्धन के साथ-साथ घरेलू खपत बढ़ाने और देश-विदेश में बाजरा उत्पादों की ब्राडिंग करने को पूर्ण सहयोग देने की घोषणा की है।