लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये अपनी पहली वर्चुअल रैली में सोमवार को मोदी ने विशेष तौर पर सपा को निशाने पर रखा वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज की जमकर सराहना की।
उन्होने कहा कि पांच साल पहले उत्तर प्रदेश की चर्चा दबंगों और दंगों के लिये होती थी। यहां दबंग और दंगा ही कानून थे। व्यापारी खुलेआम लुटता था। बहन बेटियां घर से बाहर निकलने में घबराती थी और माफिया सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे।
पश्चिम के लोग कभी नहीं भूल सकते जब मुजफ्फरनगर दंगों की आग में जल रहा था और दूसरी ओर सरकार उत्सव मना रही थी। उन्होने कहा कि गरीब,दलित,वंचित और पिछड़ों की जमीन और दुकान पर अवैध कब्जा समाजवाद का प्रतीक था। पलायन की आये दिन खबरें आती थी।
अपहरण,डकैती और रंगदारी ने मध्यम वर्ग और व्यापारी को तबाह कर दिया था। 2017 में सत्ता में आयी योगी सरकार प्रदेश को ऐसे भयावह हालात से बाहर निकाल कर लायी है। यह मामूली काम नहीं है।
आज यूपी के किसान,कर्मचारी,व्यापारी और माता बहनों बेटियों सभी को सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा , जो माफिया खुद को कानून से बड़ा मानते थे। भाजपा सरकार ने उन्हे कानून का मतलब समझा दिया है।
ऐसे अराजक तत्व मौजूद चुनावी माहौल में पूरी ताकत लगा रहे है कि किसी भी तरह ऐसी सरकार को सत्ता में वापस लायें कि उन्हे गुंडागर्दी करने अवसर फिर से मिल सके।
उन्होने कहा ‘‘ हम यूपी में बदलाव के लिये खुद को खपा रहे हैं जबकि वो बदला लेने के लिये ठान कर बैठे है। ऐसी पार्टी ने जिनको टिकट दिया है उनकी भाषा,इतिहास और कारनामे इसका सबूत है। बदला लेना ही उनकी सोच रही है मगर उत्तर प्रदेश के लोग इन दंगाई सोच रखने वालों से बहुत सतर्क है।
यूपी की जनता पुराने दिन वापस नहीं चाहती है। बदला लेने वालों के बयानों को उसने ठान रखा रखा है कि पहले से भी ज्यादा मतों से भाजपा को विजयी बनायेंगे। हमारा काम और उनके कारनामे, उनकी कारस्तानी देखकर यूपी की जनता भाजपा को भरपूर आशीर्वाद देने आ रही है।
मोदी ने कहा कि फर्स्ट टाइम वोटर तो उत्साह और उमंग से भरे हुये है। वह खुलकर भाजपा के साथ है। पहली बार वोट डालने जाने वाले सब समझ रहे है। सत्ता खोेने के अंधविश्वास के कारण जो युवाओं के भविष्य के प्रतीक नोएडा आने से कतराते हों, वह युवाओं के सपनों का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकते है।
कोरोना से निपटने के लिये भारतीय वैज्ञानिकों पर टीके पर जिन्हे विश्वास नहीं है , वह युवाओं की भावनाओं का सम्मान कैसे कर सकते हैं। अपनी विरासत पर गर्व करने और ज्ञान विज्ञान आधुनिकता को बचाने का काम भाजपा ही कर रही है और कर सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ पिछले पांच सालों में अनेक नये शिक्षण संस्थान खुले, आईटीआई, मेडिकल कालेज और नये विश्वविद्यालय अस्तित्व में आये।
सरकार की इस सोच के पीछे युवा सपने और आकांक्षाये भी है। सबका साथ,सबका विकास और सबका प्रयास डबल इंजन सरकार की नीति और निष्ठा का मूल मंत्र भी है। बीते वर्ष में जो भी योजनाये लागू की गयी,उसका लाभ सभी जाति,संप्रदाय के लोगों के बगैर भेदभाव मिला।
यही भावना हमारे संविधान के मूल में है। यही भाव बाबा साहब भीमराव अंबेडकर देखना चाहते थे। पूर्व प्रधानमंत्री और गरीबों के मसीहा चौधरी चरण सिंह ने इसके लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।
उन्होने कहा ‘‘ जिन्होने गरीबों का दर्द न देखा हो, न ही वे जमीन से जुड़े हो, वो गरीब को कैसे समझ सकते हैं और कैसे उनका भला कर सकते हैं। भाजपा ने अपने एजेंडें में गरीब और किसानो को सबसे ऊपर रखा जिसका नतीजा है कि आज गरीबों के पक्के घर है। 2017 से पहले वाली सरकार ने अपने कार्यकाल में गौतमबुद्ध नगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मात्र 73 घर बनाये थे जबकि योगी सरकार ने पांच सालों में करीब 23 हजार घर बना कर शहरी गरीबों को दिये हैं।
सहारनपुर में भी पहले वाली सरकार ने पांच सालों में 221 घर बनाये जबकि योगी सरकार ने 18 हजार से ज्यादा घर बना कर दिये। शामली,मुजफ्फरनगर और बागपत में भी पिछली सरकार ने कुल 800 घर बनाये वहीं योगी ने 33 हजार से ज्यादा गरीबों को घर दिये। जब गरीब का दर्द दिल में हो तो सरकार ऐसे ही दौड़ती है। यही फर्क यूपी के लोग देख रहे है समझ रहे है।
मोदी ने कहा कि पिछली सरकार अपने कार्यकाल में जहां कुछ हजार घर ही बना सकी वहीं भाजपा सरकार ने प्रदेश में 33 लाख से ज्यादा घर बनाकर दिये है। यानी ये 33 लाख गरीब पांच सालों में लखपित बने है। इनके पास लाखों का घर है। सबसे बडी बात यह है कि सबसे ज्यादा घर महिलाओं के नाम है।
यानी सरकार ने लाखों महिलाओं को उनके घर का मालिक बनाया है। भाजपा के नेतृत्व में योगी सरकार की योजनाओं का सर्वाधिक लाभ दलित,वंचित और पिछडो को हो रहा है। मुफ्त इलाज की सुविधा, मुफ्त गैस कनेक्शन,स्वच्छ पेयजल हर संप्रदाय के जीवन को आसान बना रहा है। उन्होने कहा कि विशेष रूप से बहन बेटियों को सरकार का सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है।
तीन तलाक के खिलाफ कानून का फायदा लाखों मुस्लिम बहन बेटियों को हुआ। बेटे बेटी को एक समान मानने वाली सरकार बेटियों की शादी की उम्र 21 साल करने का प्रयास कर रही है जिससे उन्हे अपने सपने पूरे करने के मौके मिलेंगे।