नयी दिल्ली ।उद्योग जगत ने कहा कि आर्थिक समीक्षा 2021-22 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर के चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में आठ से साढ़े आठ फीसदी रहने का अनुमान भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में पेश करेगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2021-22 पर अपनी प्रतिक्रिया देते कहा कि आर्थिक समीक्षा में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर के चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में आठ से साढ़े आठ फीसदी रहने का अनुमान भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में पेश करेगा।
इस वर्ष विकास की तेज गति से कर राजस्व में उछाल आया है, जो पूंजीगत व्यय को बढ़ाने में मदद करेगा और अगले वित्त वर्ष में भी विकास का समर्थन करेगा। प्रभावशाली सुधार एजेंडे को जारी रखने के साथ ही आक्रामक व्यापार के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2026-27 तक पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के लक्ष्य तक पहुंच सकती है।
उन्होंने कहा, आर्थिक सर्वेक्षण ने टीकाकरण को एक मैक्रो-इकोनॉमिक मानदंड के रूप में ठीक ही माना है। देश का अत्यधिक सफल टीकाकरण अभियान बड़ी सुरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा है। हमारा मानना है कि निरंतर सुधार, पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करना, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को लगातार मजबूत करना और आपूर्ति श्रृंखला में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म नियंत्रण रणनीति अर्थव्यवस्था के लिए एक बूस्टर खुराक का काम करेगी।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ फिक्की के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा कि टीकाकरण अभियान और सहायक उपायों से कोविड-19 महामारी से लड़ने की भारत की अनूठी रणनीति ने अर्थव्यवस्था को पूर्व-महामारी के स्तर तक पहुंचने में मदद की है। इसका परिणाम है कि आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी विकास दर 8.0-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
हालांकि यह उत्साहजनक है लेकिन हमें इस तथ्य से सावधान रहने की जरूरत है कि इस प्रक्षेपण को रेखांकित करने वाली कुछ धारणाएं अधिक जटिल हो सकती हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शाए गए सरकारी पूंजीगत व्यय पर निरंतर जोर उत्साहजनक है क्योंकि यह एक टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा। हमारी आधारभूत धारणा यह है कि वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी की वृद्धि 8.9 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में 9.0 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी।