कांग्रेस में बगावत, मातबर सिंह कंडारी ने किया निर्दलीय नामांकन 

रुद्रप्रयाग। कांग्रेस पार्टी में जमकर बगावत हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय पर निर्दलीय नामांकन करा दिया है। कंडारी के निर्दलीय चुनावी मैदान में कूदने से जहां कांग्रेस को झटका लगा है।भाजपा और उत्तराखण्ड क्रांतिदल को इसका लाभ मिला है।

कांग्रेस का खेल बिगड़ने की पूरी संभावना

कांग्रेस का एक बड़ा खेमा मातबर सिंह कंडारी के लिये कार्य कर रहा है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी को मनाने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। यदि कंडारी अपना नाम वापस नहीं लेते हैं तो कांग्रेस का खेल बिगड़ने की पूरी संभावनाएं हैं।

रुद्रप्रयाग कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे कई नेता प्रदीप थपलियाल को टिकट दिये जाने से आक्रोशित हैं। टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी, पूर्व प्रत्याशी लक्ष्मी राणा, अंकुर रौथाण, गजेन्द्र पंवार आदि ने टिकट बदलने बदलकर कंडारी को टिकट देने की मांग की थी और टिकट न बदले जाने पर पार्टी से बगावत करके कंडारी को निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ाने ऐलान किया था।

कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट न बदले जाने पर पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने नामांकन करवा दिया और अब पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में कूद गये हैं। कांग्रेस से 2017 में प्रत्याशी रही लक्ष्मी राणा, युवा नेता अंकुर रौथाण, 2002 में प्रत्याशी रहे गजेन्द्र पंवार सहित अन्य कांग्रेसियों का साथ भी पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी को मिल रहा है।

ऐसे में कांग्रेस के भीतर हलचल मची हुई है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के कुछ अन्य कार्यकर्ता भी कंडारी के लिये कार्य कर रहे हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी कंडारी और उनके समर्थकों ने गांव-गांव में चुनावी प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। कंडारी रुद्रप्रयाग के बारे में भलिभांती जानते हैं। वह रुद्रप्रयाग से पुराने खिलाड़ी रह चुके हैं। भाजपा और कांग्रेस में उनके लोग आज भी मौजूद हैं।

ऐसे में चर्चाएं यह भी चल रही हैं कि भाजपा से भी कुछ लोग कंडारी के लिये कार्य कर रहे हैं। फिलहाल कंडारी के निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में कूदने से कांग्रेस प्रत्याशी की दिक्कतें बढ़ गई हैं। अब कांग्रेस प्रत्याशी के अलावा अन्य कांग्रेसियों को नाम वापसी तक का इंतजार है।

यदि कांग्रेस कंडारी को मनाने में सफल नहीं होती है तो कांग्रेस की जीत आसान नहीं होगी। कांग्रेस जिला प्रवक्ता नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी को मनाने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। उम्मीद है कि नाम वापसी की तिथि तक वह मान जाएंगे। कंडारी पार्टी के सच्चे सिपाही रहे हैं और उन्होंने हमेशा पार्टी हित में कार्य किया है।

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