कांग्रेस का दांव पुराने चेहरे पर तो भाजपा ने उतारे तीन नए चेहरे

अल्मोड़ा। जिले की सभी छह सीटों पर कांग्रेस ने जहां सभी सीटों पर पुराने चेहरे उतारे हैं। वहीं भाजपा ने तीन नए प्रत्याशियों को मौका दिया है। इनमें से जागेश्वर और द्वाराहाट के प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि रानीखेत से भाजपा प्रत्याशी पिछली बार निर्दलीय किस्मत आजमा चुके हैं।

जिले में कांग्रेस के छह में से तीन सीटों पर पहले से ही उम्मीदवार तय थे। यहां कोई दूसरा दावेदार भी नहीं था। इनमें जागेश्वर से गोविंद सिंह कुंजवाल, रानीखेत से करना माहरा और द्वाराहाट से पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट शामिल थे। वहीं सोमेश्वर सुरक्षित सीट पर राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा व राजेंद्र बाराकोटी दावेदार बताए गए लेकिन पार्टी ने दो चुनावों में प्रत्याशी रहे राजेंद्र बाराकोटी को भी टिकट दे दिया है। इस सीट पर भी कांग्रेस का पुराना चेहरा मैदान में है।

अल्मोड़ा सीट पर पिछले चार बार से लगातार प्रत्याशी रहे मनोज तिवारी पर फिर से पार्टी ने विश्वास जताया है। यहां प्रबल दावेदार पूर्व दर्जा राज्य मंत्री रहे बिट्टू कर्नाटक ने पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर उनकी राह भी फिलहाल आसान कर दी है।

सल्ट सीट पर रणजीत रावत कांग्रेस के उम्मीदवार बनाए गए हैं। रणजीत रावत यहां से 2002 व 2007 में लगातार दो बार विधायक रहे हैं हालांकि 2012 में उनको भाजपा के स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना ने मात दे दी थी। 2017 का चुनाव रावत रामनगर से लड़े थे। इस प्रकार कांग्रेस से सभी प्रत्याशी पहले चुनाव लड़ चुके हैं।

भाजपा ने जागेश्वर में इस बार मोहन सिंह मेहरा तथा द्वाराहाट में अनिल सिंह साही के तौर पर नये चेहरों को टिकट दिया है। वहीं रानीखेत से प्रत्याशी डा. प्रमोद नैनवाल भी पहली बार पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं लेकिन उन्होंने 217 को चुनाव निर्दलीय तौर पर लड़ा था।

 बगावत का अधिक असर नहीं

जिले की छह सीटों पर कांग्रेस व भाजपा की बगावत लगभग थम गई है। अल्मोड़ा में कांग्रेस के टिकट के दावेदार बिट्टू कर्नाटक ने पार्टी प्रत्याशी के समर्थन का ऐलान किया है। वहीं भाजपा में विस उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान व डीसीबी अध्यक्ष ललित लटवाल भी मान गए हैं।

हालांकि द्वाराहाट से भाजपा के दावेदार कैलाश भट्ट ने निर्दलीय पर्चा भरा है। वहीं रानीखेत से भाजपा कार्यकर्ता दीपक करगेती ने भी नामांकन किया है। इस सीट पर भी कांग्रेस का पुराना चेहरा मैदान में है।

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