चंडीगढ़। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 27 जनवरी को पंजाब आने की संभावना है जहां वे कांग्रेस के चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करेंगे । पार्टी सूत्रों से आज प्राप्त जानकारी के अनुसार गांधी पंजाब आने पर सबसे पहले स्वर्ण मंदिर माथा टेंकेंगे और ऐसी संभावना है कि उनके साथ सभी 117 विधानसभा क्षेत्र के सभी उम्मीदवार होंगे ।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार रैलियों पर रोक के कारण वे वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे । ऐसी संभावना है कि शेष 31 उम्मीदवारों का ऐलान गांधी के आने से पहले तक हो सकता है। माथा टेकने के बाद वे पार्टी नेताओं के साथ जालंधर जायेंगे जहां पार्टी कार्यकर्ताओं को वर्चुअल रैली को संबोधित कर नयी सोच नया पंजाब का नारा देंकर लंबे समय से आंतरिक कलह से जूझ रही कांग्रेस में जान फूकेंगे ।
ज्ञातव्य है कि पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटें लेकर सत्ता में आने में कामयाब रही लेकिन पिछले कई साल से पार्टी को अनेक उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ा और चुनाव निकट आते ही पार्टी में घमासान इतना तेज हो गया कि सितंबर में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पद से हटाना पड़ा और उन्होंने अपमानित महसूस करते हुये पार्टी छोड़ दी ।
उसके बाद एक नयी फजीहत शुरू हो गयी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की मुख्यमंत्री बनने की चाहत धरातल पर आ गयी । यही नहीं कई अन्य नेता भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में रहे लेकिन आलाकमान ने चरनजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया ।
अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटवाने वाला धड़ा बिखर गया और उनकी महत्वाकांक्षा जोर मारने लगी जिससे पार्टी में फूट जगजाहिर हो गयी । उसके बाद से कांग्रेस में एकजुटता कहीं खो गयी ।
बस सब एकजुट होने का नाटक कर रहे हैं। चुनाव में 86 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किये जा चुके हैं लेकिन कई सीटों पर कांग्रेसी एक दूसरे के दुश्मन बने हुये हैं। ऐसे में श्री गांधी का दौरा कांग्रेसियों में एकजुटता के बीज बो पाता है यह देखने की बात है। यही कारण है कि कांंग्रेस चार चेहरों के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी जिसमें मुख्यमंत्री चन्नी , कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ,सुनील जाखड़ और प्रताप सिंह बाजवा शामिल हैं।