लखनऊ। बसपा के निलंबित चल रहे विधायक रामवीर उपाध्याय ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही उपाध्याय के सपा या भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी हैं।
बसपा के प्रमुख ब्राह्मण नेताओं में शामिल उपाध्याय ने बसपा सुप्रीमो मायावती को भेजे अपने त्यागपत्र में पार्टी के अपने सिद्धांतों से भटकने को वजह बताते हुये पार्टी छोड़ दी। उन्होंने त्यागपत्र में कहा कि वह पिछले 25 वर्ष से बसपा के सक्रिय सदस्य रहे और पार्टी के लगातार घटते जनसमर्थन के लिये आगाह भी किया।
उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने इसकी समीक्षा नहीं की। उपाध्याय द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद हाल ही में भाजपा छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ उनके भी शुक्रवार को सपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी।
स्वामी के नेतृत्व में सपा कार्यालय पहुंचने वाले विधायकों में उपाध्याय शामिल नहीं हुये। इसके बाद उनके अब भाजपा का रुख करने की चर्चा शुरु हो गयी। उपाध्याय जल्द ही इस बारे में तस्वीर साफ कर देंगे। उपाध्याय ने कहा, ‘‘चुनाव में उम्मीद के अनुसार सीट न जीतने पर भी पार्टी द्वारा कोई समीक्षा नहीं की गयी जिसकी मेरे द्वारा समय समय पर मांग की गयी थी।
मैने आपको 2019 के लोक सभा चुनाव में अवगत कराया था कि हम इस चुनाव में भी उम्मीद के अनुसार सीट हासिल नहीं कर रहे हैं। क्योंकि, हमारे पास से कैडर वोट भी खिसक रहा है।
उन्होंने कहा कहा, आपने (मायावती) मेरे द्वारा बताई गयी सच्चाई को नकारते हुए मुझे पार्टी से निलम्बित कर दिया। जिससे मेरी एवं मेरे समर्थकों की भावना आहत हुई। आज बसपा मान्यवर कांशीराम साहब द्वारा बनाये हुए सिद्धान्तों एवं आदर्शों से भटक चुकी है इस कारण में बसपा की सदस्यता से त्याग पत्र देता हूं।
उल्लेखनीय है कि उपाध्याय, हाथरस जिले की सादाबाद सीट से विधायक हैं। वह पिछली सरकारों में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवहन मंत्री रह चुके हैं।