चंडीगढ़ । भाजपा ने अपने आम आदमी पार्टी को पटखनी देते हुये मेयर के पद पर फिर कब्जा कर लिया। दोनों दलों के बीच मुख्य मुकाबला था। भाजपा की सर्बजीत कौर चंडीगढ़ की मेयर चुनी गयी हैं। उन्होंने 14 वोट लेकर यह बाजी मारी। एक वोट अवैध और आप पार्टी को तेरह वोट मिले । ज्ञातव्य है कि गत 24 दिसंबर को हुये नगर निगम चुनाव के नतीजे 27 दिसंबर को आये थे।
आप पार्टी ने पहली बार चुनाव मैदान में उतरने के बाद सबसे अधिक 14 वोट हासिल किये थे तथा भाजपा को 12 वोट मिले थे। शिरोमणि अकाली दल को एक सीट मिली थी।
इसके बाद मेयर बनाने को लेकर रस्साकसी चली और कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष और पार्षद रहे देविंदर बावला की पार्षद पत्नी भाजपा में शामिल हो गयीं जिससे भाजपा के पार्षदों की संख्या आप के बराबर 14 हो गयी।
भाजपा के पास अपनी सांसद होने के नाते एक वोट अलग से था। वोटिंग में कांग्रेस के सात पार्षद तथा अकाली दल के एक पार्षद ने मतदान में भाग नहीं लिया। मतदान में आप का एक वोट अवैध होने के कारण आप पार्षदों ने हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर एक वोट खराब की गई । आप का कहना है कि जब तक उनका मेयर नहीं बनाया जाता तब तक वे यहीं डटे रहेंगे। उन्होंने दोबारा वोटिंग कराने की मांग की ।