नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कोलकाता में चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
मोदी ने कहा 2014 तक देश में चिकित्सा की स्रातक और स्रातकोत्तर पढ़ाई की सीटों की संख्या 90 हजार के आसपास थी। पिछले सात वर्षों में इनमें 60 हजार (66 प्रतिशत) नई सीटें जोड़ी गई हैं।
उन्होंने कहा, वर्ष 2014 में हमारे यहां सिर्फ छह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) होते थे। आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है। सीएनसीआई के दूसरे परिसर का 530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्माण किया गया है। इसके लिए लगभग 400 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने अनुदान दिया है। यह परिसर 460 बिस्तरों की इकाई है।
यह परिसर एक उन्नत कैंसर अनुसंधान सुविधा के रूप में भी काम करेगा और विशेष रूप से देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भागों के कैंसर रोगियों को व्यापक देखभाल की सुविधा प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल थीं।
प्रधानमंत्री ने देश भर में आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार द्वारा किए जा रही सरकार की पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज एक सस्ती और समावेशी योजना के रूप में दुनिया के लिए एक आदर्श है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत देशभर में दो करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं। श्री मोदी ने कहा कि कैंसर की बीमारी तो ऐसी है जिसका नाम सुनते ही गरीब और मध्यम वर्ग हिम्मत हारने लगता था।
गरीब को इसी कुचक्र, इसी चिंता से बाहर निकालने के लिए देश सस्ते और सुलभ इलाज के लिए निरंतर कदम उठा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा बीते सालों में कैंसर की जरूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है।
बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, नौ हजार से ज्यादा नए आक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। प्रदेश में नए 49 पीएसए नए आक्सीजन संयंत्र भी शुरू कर दिए गए हैं। कोविड टीकाकरण अभियान में प्रगति की जानकारी देते हुए श्री मोदी ने कहा आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है।
सिर्फ पांच दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा, यह उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है। मैं विशेष रूप से इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों का, वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स का, हमारे हेल्थ सेक्टर से जुड़े साथियों का धन्यवाद करता हूं।
उन्होंने कहा कि कि सबके प्रयासों से ही देश ने उस संकल्प को शिखर तक पहुंचाया है, जिसकी शुरुआत हमने शून्य से की थी। प्रधानमंत्री ने कहा साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की है। नए वर्ष के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है।
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